!['राज बदलेगा तो भ्रष्टाचार पर नकेल लगेगी...' खुली बगावत के मूड में राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा; अपनी ही सरकार पर लगाए जासूसी के आरोप](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202502/67a57e76aaff3-20250207-073057279-16x9.jpg)
'राज बदलेगा तो भ्रष्टाचार पर नकेल लगेगी...' खुली बगावत के मूड में राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा; अपनी ही सरकार पर लगाए जासूसी के आरोप
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Rajasthan: मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि आशा करता था कि राज बदलेगा तो भ्रष्टाचार पर नकेल लगेगी. मुंह का खाया नाक से निकालेंगे. लेकिन मैं निराश हूं. क्योंकि जो आंदोलन हमने किए, उसकी वजह से हम सत्ता में आए. अब उन मुद्दों पर कोई काम नहीं हो रहा है, उन्हें भुला दिया गया है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से नाराज चल रहे राजस्थान सरकार के कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आमागढ में एक कार्यक्रम में बोलते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने आरोपी लगाया कि पार्टी की सरकार अपने ही मंत्री के कॉल रिकॉर्ड करवा रही है. यही नहीं, पीछे सीआईडी लगाई जा रही है.
मंत्री मीणा ने कहा, मैंने पिछली सरकार में भ्रष्टाचार के मामले उठाए थे. 50 थानेदारों को गिरफ्तार करवाया. मैंने जब कहा कि परीक्षा रद्द करो तो सरकार ने मेरी बात नहीं मानी. उल्टा जिस तरह से पिछले राज में मेरे साथ हुआ, वैसे ही हो रहा है. कोई बात नहीं.
किरोड़ी ने आगे कहा, पिछली सरकार में भी अशोक गहलोत (पूर्व मुख्यमंत्री) ने मेरे टेलीफोन रिकॉर्ड करवाए, सीआईडी लगाई, पर मैंने सबको चकमा दे दिया. मैं कोई गलत काम नहीं करता, इसलिए डरता नहीं हूं और सच कहने से नहीं चूकता हूं.
किरोड़ी ने कहा कि आशा करता था कि राज बदलेगा तो भ्रष्टाचार पर नकेल लगेगी. मुंह का खाया नाक से निकालेंगे. लेकिन मैं निराश हूं. क्योंकि जो आंदोलन हमने किए, उसकी वजह से हम सत्ता में आए. उन मुद्दों पर कोई काम नहीं हो रहा है, उन्हें भुला दिया गया है.
नाराजगी की वजह मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अच्छा विभाग नहीं मिलने से शुरू से नाराज़ चल रहे हैं. अब ट्रांसफ़र पोस्टिंग में उनकी नहीं माने जाने से खुलकर बगावत के मूड में हैं. लोकसभा चुनाव में दौसा सीट हारने के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, मगर सरकार ने स्वीकार नहीं किया. विधानसभा उपचुनाव में किरोड़ी मीणा अपने छोटे भाई जगमोहन मीणा को दौसा से टिकट देने पर सरकार में वापस आ गए थे, लेकिन भाई के चुनाव हारने पर भीतरघात का आरोप लगाते हुए फिर से नाराज हो गए.