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रणवीर इलाहाबादिया के बयान पर विवाद के बीच ऑनलाइन कॉन्टेंट पर शिकंजा कसेगी सरकार
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निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली इस समिति ने सूचना एवं प्रसारण सचिव और अन्य अधिकारियों से ऐसे कॉन्टेंट को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित कदमों का विस्तृत मसौदा प्रस्तुत करने को कहा था.
रणवीर इलाहाबादिया के बयान को लेकर उठे विवाद के बीच सरकार ऑनलाइन कॉन्टेंट पर शिकंजा कसने के लिए नए कानूनी ढांचे पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय स्थायी समिति को इस बारे में सूचित कर दिया है.
इससे पहले निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली इस समिति ने सूचना एवं प्रसारण सचिव और अन्य अधिकारियों से ऐसे कॉन्टेंट को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित कदमों का विस्तृत मसौदा प्रस्तुत करने को कहा था.
सरकार का यह कदम डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ते गलत सूचना, आपत्तिजनक सामग्री और जवाबदेही से जुड़े मुद्दों को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है.
कैसे फंसे रणवीर इलाहाबादिया?
बता दें कि कॉमेडियन समय रैना के शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' में पेरेंट्स और उनकी निजी जिंदगी को लेकर जोक करने के चलते यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया बड़ी मुश्किलों में फंसे हुए हैं. रणवीर के जोक की वीडियो सोशल मीडिया पर पर वायरल हुई थी, जिसके बाद उनकी आलोचना और ट्रोलिंग शुरू हो गई. ये मामला बढ़ते-बढ़ते इंटरनेट से निकलकर संसद तक पहुंच गया. जनता के साथ-साथ नेताओं, सेलेब्स और हिंदू संगठनों ने भी रणवीर की आलोचना की. इतना ही नहीं, उनके नाम भारत के अलग-अलग राज्यों में FIR भी दर्ज हुई.
मुंबई पुलिस कर रही जांच
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