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पंजाब में 'अस्तित्वहीन' विभाग पर सियासी तकरार, BJP बोली- गैर जिम्मेदार है मान सरकार
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अंदरूनी सूत्रों ने आजतक को बताया कि कुलदीप सिंह धालीवाल ने विभाग के वास्तविक अस्तित्व पर बार-बार चिंता जताई थी. हालांकि, लगातार पूछताछ के बाद ही सरकार ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया और बाद में इसे खत्म कर दिया.
पंजाब में इन दिनों सियासी हलचल तेज है. इसकी वजह है कि सूबे में 21 महीने तक एक ऐसा मंत्रालय कागजों में चलता रहा, जो अस्तित्व में था ही नहीं. इसके बाद विपक्ष भगवंत मान सरकार पर हमलावर हो गया. दरअसल, सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक नोटिफिकेशन में कहा गया कि प्रशासनिक सुधार विभाग, जो पहले धालीवाल को सौंपा गया था, अब अस्तित्व में नहीं है. अब धालीवाल के पास सिर्फ एनआरआई मामलों का विभाग रहेगा.
वर्तमान में एनआरआई मामलों के मंत्री के रूप में कार्यरत धालीवाल को मूल रूप से लगभग दो साल पहले पोर्टफोलियो सौंपा गया था, लेकिन सूत्रों से पता चलता है कि विभाग केवल कागजों पर ही मौजूद था. अंदरूनी सूत्रों ने आजतक को बताया कि कुलदीप सिंह धालीवाल ने विभाग के वास्तविक अस्तित्व पर बार-बार चिंता जताई थी. हालांकि, लगातार पूछताछ के बाद ही सरकार ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया और बाद में इसे खत्म कर दिया.
पीटीआई के मुताबिक धालीवाल ने कहा कि उनका मकसद पंजाब की सेवा करना है, न कि किसी विभाग की कुर्सी संभालना. उन्होंने कहा कि हम पंजाब को बचाने और इसे पटरी पर लाने में लगे हैं, विभाग मेरे लिए मायने नहीं रखते. मुख्यमंत्री जो भी जिम्मेदारी देंगे, मैं उसे निभाने को तैयार हूं.
क्या कहा गया नोटिफिकेशन में?
सरकारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि पंजाब सरकार के 23 सितंबर 2024 के नोटिफिकेशन में आंशिक संशोधन करते हुए यह स्पष्ट किया जाता है कि कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को आवंटित प्रशासनिक सुधार विभाग वर्तमान में अस्तित्व में नहीं यह संशोधन 2 फरवरी 2025 से प्रभावी होगा.
सीएम मान ने दी सफाई
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