
यूक्रेन की उप विदेश मंत्री ने कर दी ऐसी मांग, मोदी सरकार के सामने धर्मसंकट
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यूक्रेन की उप विदेश मंत्री ने कहा है कि अगर भारत यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को जी-20 की बैठक को संबोधित करने का अवसर देता है तो उन्हें खुशी होगी. उन्होंने कहा है कि भारत और यूक्रेन के संबंधों को नए सिरे से स्थापित करने की जरूरत है, हमने दरवाजा खटखटाया है लेकिन अब यह भारत पर है कि वो अपने घर का दरवाजा खोले.
भारत दौरे पर आईं यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन झारपोवा ने अपने एक बयान से भारत को धर्मसंकट में डाल दिया है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को सितंबर में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करने में खुशी होगी. उन्होंने जी-20 के इस साल के मेजबान भारत से यह भी कहा कि यूक्रेन के प्रतिनिधियों को भी जी-20 की बैठकों में शामिल किया जाए क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है.
सरकारी फंड से चलने वाले थिंक टैंक इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स में बोलते हुए उन्होंने यह बातें कहीं. उनका यह प्रस्ताव भारत को एक बड़े धर्मसंकट में डाल गया क्योंकि इससे पहले भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भी यूक्रेन के राष्ट्रपति को संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करने की अनुमति देने के पक्ष में वोटिंग की थी जबकि रूस ने उसके खिलाफ वोट किया था.
भारत ने हालांकि, सफाई देते हुए कहा था कि मतदान किसी के खिलाफ नहीं किया गया है. मतदान रूस या यूक्रेन के बारे में नहीं था बल्कि वोटिंग जेलेंस्की के यूएन की सुरक्षा परिषद की बैठक में हिस्सा लेने को लेकर थी.
बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन को जेलेंस्की ने किया था संबोधित
जेलेंस्की ने वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था. अब उनकी उप विदेश मंत्री ने भारत को प्रस्ताव दे डाला है कि वो जी-20 मीटिंग में जेलेंस्की को बोलने का मौका दे. भारत अगर ऐसा करता है तो यह रूस को नाराज करने वाली बात हो सकती है.
झापरोवा ने कहा कि एक वैश्विक नेता और जी-20 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत शांति स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है. साथ ही उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारतीय अधिकारी जल्दी ही यूक्रेन का दौरा करेंगे.

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