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यहां किंग भी हैं, किंगमेकर भी और गठबंधनों का जादू भी... दिल्ली के बाद अगली चुनावी लड़ाई के लिए तैयार बिहार
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Bihar Elections 2025: बिहार की चुनावी लड़ाई किसी अन्य राज्य की तुलना में बिल्कुल जुदा है. वहां गठबंधन भी नए तरह का है और प्रमुख चेहरे केंद्र की राजनीति से अलग हैं. बिहार में एक तरफ बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन है, तो दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाला महागठबंधन.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद बीजेपी की नजर अब बिहार पर है, जहां अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने हैं. भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 243 सदस्यीय विधानसभा में 225 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. लेकिन बिहार की चुनावी लड़ाई किसी अन्य राज्य की तुलना में बिल्कुल जुदा है. वहां गठबंधन भी नए तरह का है और प्रमुख चेहरे केंद्र की राजनीति से अलग हैं. एनडीए जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेगी, वहीं महागठबंधन का चेहरा तेजस्वी यादव होंगे. बिहार की राजनीति पर पिछले तीन दशक से दो नेताओं का प्रभाव रहा है. ये नेता हैं नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव.
भले ही लालू यादव अब राजनीतिक रूप से उतने सक्रिय न हों, लेकिन बिहार में उनका प्रभाव कम नहीं हुआ है. लालू की राजनीतिक विरासत को अब उनके बेटे तेजस्वी यादव बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं. बात नीतीश कुमार की करें, तो वह दो दशक से बिहार के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने 2015 में कुछ महीनों के लिए पद छोड़ा था और जीतन राम मांझी को सीएम बनाया था. नीतीश ने इस दौरान गठबंधन साथी जरूर बदले हैं, लेकिन सीएम की कुर्सी उनके पास ही रही है. बिहार में किंग भी हैं, किंगमेकर भी और गठबंधनों का जादू भी. अगर कहें कि भारत के अन्य सभी राज्यों की तुलना में बिहार की राजनीति बहुत ज्यादा टेढ़ी है, तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी.
बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में एक तरफ बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) होगा, तो दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाला महागठबंधन (Grand Alliance). एनडीए में बीजेपी के साथ जेडीयू (JDU), लोजपा (राम विलास), हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (R LM) शामिल हैं. वहीं महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, वाम दल और विकासशील इंसान पार्टी शामिल है.
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NDA का लक्ष्य बिहार में 225 सीटें जीतने का
हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का लक्ष्य आगामी बिहार चुनाव में भी जीत के मोमेंटम को बनाए रखना है. दिल्ली की जीत ने एनडीए का आत्मविश्वास और बढ़ा दिया है. वहीं बिहार में हाल में हुए उपचुनावों में भी एनडीए ने शानदार प्रदर्शन किया है. एनडीए ने 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 225 सीटें जीतने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में, एनडीए चुनाव से पहले एकता और ताकत दिखाने के लिए रैलियां कर रहा है.
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