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म्यांमार: सेना के खिलाफ प्रदर्शन जारी, 17 फरवरी तक कस्टडी में रहेंगी आंग सान सू की
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म्यांमार की सरकार से सेना द्वारा बेदखल कर दी गईं आंग सान सू की को अब 17 फरवरी तक रिमांड में ही रहना होगा.
म्यांमार की सरकार से सेना द्वारा बेदखल कर दी गईं आंग सान सू की को अब 17 फरवरी तक रिमांड में ही रहना होगा. म्यांमार में इस वक्त सबकुछ सेना ने अपने हाथ में ले लिया है. ऐसे में जब अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में आंग सान सू की को रिमांड में रखा जा रहा है. म्यांमार में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं और सू की को रिहा करने की मांग की जा रही है. लेकिन सेना द्वारा रिमांड बढ़ाए जाने के बाद ये तकरार बढ़ सकती है. बता दें कि बीते दिन हजारों की संख्या में इंजीनियर्स ने मार्च निकाला था, जिसमें आंग सान सू की को रिहा करने की मांग की गई थी. यांगोन में भी बीते दिनों जब इंटरनेट बंद कर दिया गया था और सेना ने एक बार फिर सड़कों पर टैंक घुमाने शुरू किए थे, तब भी कुछ संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए थे. सेना ने जब म्यामांर की सत्ता को अपने कब्जे में लिया तो सबसे पहले आंग सान सू की को हिरासत में लिया, साथ ही सरकार के सभी बड़े चेहरों को नजरबंद कर दिया गया. दुनिया के कई बड़े देशों ने म्यामांर के हालात पर चिंता व्यक्त की है और आंग सान सू की को जल्द रिहा करने की मांग की है.![](/newspic/picid-1269750-20250214181736.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.