मोदी सरकार के इस फैसले से बांग्लादेश की मुश्किल बढ़ी, रूस से मांगी मदद
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भारत के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध से बांग्लादेश को अधिक कीमतों पर गेहूं खरीदनी पड़ रही है. इसे देखते हुए बांग्लादेश रूस से गेहूं आयात की कोशिश कर रहा है. रूस बांग्लादेश को कम कीमतों पर गेहूं दे सकता है. इसी कारण आज बांग्लादेश के सरकारी अधिकारी रूस के अधिकारियों से एक वर्चुअल मीटिंग में बात करेंगे.
भारत के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से कई देश खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं जिनमें पड़ोसी बांग्लादेश भी शामिल है. बांग्लादेश भारत से अपने जरूरत का गेहूं खरीदता था लेकिन अब प्रतिबंध के कारण उसे अन्य विकल्पों की तलाश करनी पड़ रही है. बांग्लादेश की सरकार और कारोबारी अधिकारियों ने बताया कि अब बांग्लादेश अपने गेहूं की आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए रूस से बात कर रहा है.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश रूस से गेहूं खरीद की कोशिश इसलिए कर रहा है ताकि उसे दूसरे विकल्पों की अपेक्षा कम कीमतों पर गेहूं मिल सके. बांग्लादेश खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रूस से गेहूं के सौदे को अंतिम रूप देने के लिए बांग्लादेश ने गुरुवार को रूस के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की है.
नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने रॉयटर्स से कहा, 'हम शुरू में रूस से कम से कम दो लाख टन गेहूं मांगेंगे.' बांग्लादेश खाद्य मंत्रालय से जब इस संबंध में सवाल किया गया तो कोई जवाब नहीं मिला.
भारत से सबसे अधिक गेहूं खरीदता है बांग्लादेश
बांग्लादेश लगभग 70 लाख टन गेहूं का आयात करता है और पिछले साल इसमें से दो तिहाई से अधिक भारत से आयात किया गया था. भारत के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के बाद बांग्लादेश ने दूसरे देशों से गेहूं खरीदने की कोशिश की लेकिन उसे उतने ही गेहूं के लिए काफी अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है. इसे देखते हुए बांग्लादेश ने उन देशों से महंगे गेहूं के सौदों को रद्द कर दिया है.
एक वैश्विक ट्रेडिंग फर्म के मुंबई स्थित एक डीलर ने बताया कि बांग्लादेश भारतीय गेहूं की लागत और माल ढुलाई का प्रति टन 400 सौ डॉलर (31,303 रुपये) से कम का भुगतान कर रहा था लेकिन अब दूसरे आपूर्तिकर्ता प्रति टन 460 डॉलर (लगभग 36 हजार रुपये) में उसे गेहूं दे रहे हैं. इससे बांग्लादेश में गेहूं और आटे की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.
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