
मैं साम्राज्यों का कब्रिस्तान हूं! ये है मेरी कहानी, मैं अफगानिस्तान हूं
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31 अगस्त 2021 विश्व के इतिहास में वो तारीख होगी जब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद खुद को मॉर्डन वर्ल्ड का सरदार कहने वाले अमेरिका की मिलिट्री पावर उसी धारणा का शिकार हो गई जो कहती है कि अफगानिस्तान साम्राज्यों का कब्रिस्तान है.
मैं अफगानिस्तान हूं... वैश्विक ताकतों की हसरतों से लहूलुहान हूं... जिसने चाहा रौंद गया...देखता रहा घमासान हूं... कभी कोल्ड वार, कभी टेरर वार, कभी जिहाद हुआ सिर पर सवार, दुनिया भर की साजिशों का जंग-ए-मैदान हूं. हां, मगर ये भी सच है... अफगानी ज़िद को कोई जीत नहीं पाया... इसीलिए मैं साम्राज्यों का कब्रिस्तान हूं!More Related News

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.