'मेरे पिता और मुझे टारगेट करते हुए राजा साहब की पूरी जिंदगी बीत गई', अब ज्योतिरादित्य सिंधिया का दिग्विजय सिंह पर निशाना
AajTak
MP में परिवहन विभाग के एक पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों से बड़ी बेहिसाब संपत्ति बरामद की गई थी. इसको लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सिंह ने मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में 'घोटाला' उजागर होने के बाद सिंधिया पर सवाल उठाए थे.
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह अक्सर उनके पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया को उनके जीवनकाल में निशाना बनाते थे और अब भी वही कर रहे हैं.
चार दिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि उन्होंने हमेशा मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के प्रति सम्मान दिखाया है, जो कभी कांग्रेस में उनके सहयोगी थे.
दरअसल, पिछले महीने की शुरुआत में परिवहन विभाग के एक पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों से बड़ी बेहिसाब संपत्ति बरामद की गई थी. इसको लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सिंह ने मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में 'घोटाला' उजागर होने के बाद सिंधिया पर सवाल उठाए थे. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की आलोचनात्मक टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर सिंधिया ने कहा, "क्या यह कोई नई बात है? दिग्विजय सिंह मुझे कब टारगेट नहीं करते? दिग्विजय सिंह ने अपना पूरा जीवन मेरे आदरणीय पिता और मुझे टारगेट करने में बिताया है. मैंने कभी उन पर निशाना नहीं साधा. मैं जब भी उनसे मिलता हूं, आज भी उनका अभिवादन करता हूं. कोई भी अपनी विचारधारा के अनुसार अपनी सीमाएं तय कर सकता है. मेरी विचारधारा लोगों की सेवा करना है और यही मेरा लक्ष्य है."
क्या है मामला
एमपी में परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा पर लोकायुक्त, आयकर और ईडी के छापे के बाद दिग्विजय सिंह ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की जांच हाईकोर्ट के मौजूदा जज से कराने की मांग की थी.
पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा कांग्रेस सांसद सिंह ने आरोप लगाया था कि प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ पर दबाव था कि वे सिंधिया के करीबी माने जाने वाले एक नेता को परिवहन मंत्री बनाएं. इसकी जांच कराई जाए.
राजधानी दिल्ली में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. मतदाताओं ने भी मन बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे में क्या है दिल्ली के मन में... किसकी बनाएंगे सरकार? किसका होगा बेड़ा पार? और कौन जाएगा बाहर? देखिए 'दिल्ली बोली' के इस एपिसोड में ओखला विधानसभा क्षेत्र से Parvez Sagar के साथ ग्राउंड रिपोर्ट सिर्फ 'आज तक' पर.
दिल्ली के लाजपत नगर के निवासियों की सबसे बड़ी चिंता क्या है? इसे जानने के लिए हमारा यह वीडियो देखें, जहां हम अपने चुनावी विशेष श्रृंखला दिल्ली हार्ट के तहत इस इलाके का जायजा लेते हैं। लाजपत नगर कस्तूरबा नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जिसे पहले आम आदमी पार्टी के मदन लाल ने प्रतिनिधित्व किया था। लेकिन इस बार पार्टी ने रमेश पहलवान को उम्मीदवार बनाया है, जिनका मुकाबला कांग्रेस के अभिषेक दत्त से कड़ा होने की उम्मीद है।
सूरत में फॉरेस्ट अधिकारी सोनल सोलंकी ने अपने पति, आरटीओ इंस्पेक्टर निकुंज गोस्वामी को एक अन्य महिला के साथ रंगे हाथ पकड़ा. पुलिस की मौजूदगी में उन्होंने वीडियो बनाकर वायरल किया. सोनल ने आरोप लगाया कि उनके पति उन्हें एक साल से परेशान कर रहे हैं. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
बैठक का उद्देश्य चुनाव से पहले दिल्ली चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करना था. दिल्ली चुनाव के विभिन्न पहलुओं जैसे बूथ प्रबंधन, सोशल मीडिया, विज्ञापन आदि की देखरेख के लिए गठित लगभग 43 समितियां बैठक के दौरान फीडबैक देंगी. भाजपा चुनाव लड़ने के लिए कमर कस रही है और जेपी नड्डा ने आगे की राह पर मार्गदर्शन दिया.
गोवा सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर सभी सरकारी विभागाध्यक्षों का मन की बात रेडियो कार्यक्रम में शामिल होना अनिवार्य कर दिया है. सीएम प्रमोद सावंत ने एक्स पर सर्कुलर पोस्ट कर लिखा, 'मन की बात, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मासिक इंटरैक्टिव कार्यक्रम, शासन के साथ-साथ व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों के बारे में नागरिकों के विचारों पर प्रकाश डालता है जो समाज में बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं.'
बैठक का उद्देश्य चुनाव से पहले दिल्ली चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करना था. दिल्ली चुनाव के विभिन्न पहलुओं जैसे बूथ प्रबंधन, सोशल मीडिया, विज्ञापन आदि की देखरेख के लिए गठित लगभग 43 समितियां बैठक के दौरान फीडबैक देंगी. भाजपा चुनाव लड़ने के लिए कमर कस रही है और जेपी नड्डा ने आगे की राह पर मार्गदर्शन दिया.
लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ इंडिया गठबंधन बनाया गया था. अब यह गठबंधन दिल्ली में एक नए रूप में नज़र आ रहा है. कांग्रेस को किनारा करके समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की पार्टी ने अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया है. इस कदम से दिल्ली की राजनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव होने की सम्भावना है.