महाराष्ट्र में सीटों को लेकर रस्साकशी, कांग्रेस का सौ सीटों पर दावा MVA दरार न डाल दे? | Opinion
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हरियाणा की हार ने यूपी और दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा दी है. महाराष्ट्र में सहयोगी दलों पर दबाव बढ़ाने के लिए कांग्रेस भी अपनी चाल चलने लगी है - जो महाविकास आघाड़ी के भीतर निश्चित तौर पर झगड़ा बढ़ाने वाला है.
कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 100 से ज्यादा सीटों पर अपना दावा ठोक दिया है. महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का दावा है कि हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की हार का महाराष्ट्र पर कोई असर नहीं होने वाला है.
और इसके साथ ही, नाना पटोले ने ऐलान कर दिया है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस सहयोगी दलों शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. नाना पटोले का ये बयान उद्धव ठाकरे के उस बयान की प्रतिक्रिया लगती है, जिसमें हरियाणा में कांग्रेस की हार का जिक्र था.
उद्धव ठाकरे का कहना था कि हरियाणा में कांग्रेस को अपने अति-आत्मविश्वास के कारण हार का मुंह देखना पड़ा है. उद्धव ठाकरे की तरफ से ऐसी बातें किया जाना उनकी नाराजगी की तरफ ही इशारा कर रहा है.
असल में उद्धव ठाकरे चाहते थे कि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी चुनावों के पहले ही अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दे. जाहिर है, ये बात वो अपने पक्ष में ही चाह रहे थे. जब उद्धव ठाकरे ने देखा कि नाना पटोले तो विरोध में खड़े हैं ही, और शरद पवार भी उनकी मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी को मंजूरी नहीं दे रहे हैं, तो वो राहुल गांधी से मदद लेने की कोशिश किये, लेकिन दिल्ली से खाली हाथ लौटना पड़ा - और कांग्रेस की हार पर उद्धव ठाकरे का कटाक्ष उसी का नतीजा था.
राहुल गांधी को निशाना बनाये जाने के बाद नाना पटोले ने मोर्चा संभाल लिया है, और सबसे ज्यादा सीटों के लिए दावेदारी पेश कर दी है. वैसे राहुल गांधी तो अरविंद केजरीवाल के निशाने पर भी आ गये हैं - और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने भी उप चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा करके अपना इरादा जाहिर कर दिया है.
कांग्रेस की ज्यादा सीटों पर दावेदारी
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