महाराष्ट्र पुलिस ने सुधारी गलती, 4 साल पहले हुए रोड एक्सीडेंट केस में चार्जशीट से हटाया मृतक का नाम
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एफआईआर में आरोपी के रूप में मृतक सचिन का नाम था और चूंकि उनकी मृत्यु हो चुकी थी इसलिए खेड़ पुलिस ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष मामले को बंद करने के लिए याचिका दायर की थी. मामले की फिर से जांच करने के हाई कोर्ट के निर्देश के बाद, खेड़ पुलिस ने एक चार्जशीट दायर की थी, जिसे देखकर अदालत ने आश्चर्य व्यक्त किया था क्योंकि चार्जशीट में आरोपी ट्रक चालक के साथ-साथ सचिन का भी नाम था.
खेड़ हाइवे पर एक रोड एक्सीडेंट में एक स्कूटर सवार की जान जाने के चार साल से अधिक समय बाद, महाराष्ट्र पुलिस ने आखिरकार अपनी गलती सुधार ली है. पुलिस ने 2020 में हुई सड़क दुर्घटना के मामले में पीड़ित स्कूटर चालक के बजाय अब आरोपी ट्रक चालक के खिलाफ चार्जशीट दायर की है.
इससे पहले जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने मामले की दोबारा जांच करने का निर्देश दिया था. बेंच पीड़ित स्कूटर चालक की मां आशा घाटगे की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. 12 सितंबर, 2020 की आधी रात को आशा घाटगे ने अपने बेटे को खो दिया था, जब वह मुंबई-गोवा नेशनल हाइवे पर अपनी एक्टिवा से जा रहे थे.
सचिन पर लगाया लापरवाही का आरोप
आशा घाटगे की ओर से पेश वकील रेशमा मुथा और संदीप अग्रे ने प्रॉसिक्यूशन के केस की तरफ इशारा किया जिसमें कहा गया था कि 38 वर्षीय सचिन बिना हेलमेट के और लापरवाही से गाड़ी चला रहे थे. वकीलों ने कहा कि प्रॉसिक्यूशन ने आरोप लगाया था कि सचिन तेज गति से और खतरनाक तरीके से गाड़ी चला रहे थे और वह 10-व्हीलर लंबे कंटेनर ट्रक के आखिरी पहिये से टकरा गए थे, जो सड़क के डिवाइडर के पास उल्टी दिशा में खड़ा था.
सीसीटीवी में कैद हुई घटना
प्रॉसिक्यूशन ने कहा था कि गंभीर चोटों के चलते जान गंवाने वाले सचिन 'अपनी मौत के लिए खुद जिम्मेदार' थे. मुथा ने कहा कि खुद सचिन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था जबकि वह वास्तव में पीड़ित थे क्योंकि पूरी घटना हैप्पी ढाबा के सीसीटीवी कैमरे में दर्ज है.
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