मथुरा-वृंदावन ही नहीं इस जगह पर भी रहती है Janmashtami की धूम, श्रीकृष्ण की है ससुराल
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भगवान श्रीकृष्ण की ससुराल (Lord Shri Krishna's Sasural) का नाम पहले कुंदनपुर था लेकिन जब श्रीकृष्ण ने देवी रुक्मणी (Devi Rukmani) का हरण किया तो उनके साले रुकुम ने गुस्से में कई लोगों को हाथियों से कुचलवा दिया था. उसके बाद इसका नाम कुदरकोट पड़ गया.
नई दिल्ली: भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) का जिक्र आते ही जेहन में सबसे पहले मथुरा-वृंदावन (Mathura-Vrindavan) के नाम आ जाते हैं. भगवान कृष्ण का द्वारका, हस्तिनापुर, कुरुक्षेत्र के साथ भी बहुत जुड़ाव रहा है लेकिन उनकी जिंदगी से जुड़ी एक और अहम जगह के बारे में कम ही लोग जानते हैं. यह जगह है उनकी ससुराल कुदरकोट (Kudarkot). इस शहर का नाम पहले कुंदनपुर था जो बाद में कुदरकोट से जाना जाने लगा, इसके पीछे भी भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी एक अहम वजह है. श्रीकृष्ण की बाकी लीलाओं की तरह उनका विवाह भी बेहद अलग तरीके से हुआ था. वे अपनी पत्नी देवी रुक्मणी (Devi Rukmini) का उनके नगर से हरण करके लाए थे. धर्म-पुराणों के मुताबिक द्वापर युग में उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के कुदरकोट कस्बे को कुंदनपुर के नाम से जानते थे. यह देवी रुक्मणी के पिता राजा भीष्मक के राज्य की राजधानी थी.Shagun Yojana: बेटियों की शादी पर सरकार दे रही 31,000 रुपये की मदद, जानिए- किस विभाग में मिलना होगा?
Shagun Yojana ki Jankari: राज्य सरकार की ओर से गरीब परिवारों को बेटियों की शादी पर शगुन दिया जाता रहा है. योजना का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष से अधिक आयु के बीपीएल परिवारों की लड़कियों और महिलाओं पर बेटियों की शादी का बोझ कम करके उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
How to apply for internship scheme: स्कीम के तहत पात्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पूरा करने वाले छात्र हैं. इनमें ITI प्रमाणपत्र रखने वाले, पॉलिटेक्निक संस्थानों से डिप्लोमा रखने वाले या स्नातक की डिग्री रखने वाले लोग शामिल हैं. इन्हें ही आवेदन करने की पात्रता है. यह कार्यक्रम विशेष रूप से 21 से 24 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिकों के लिए डिजाइन किया गया है जो वर्तमान में फुल टाइम रोजगार या शिक्षा में नहीं हैं.