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मणिपुर में लगा राष्ट्रपति शासन, हिंसा के बीच सीएम बीरेन सिंह ने दिया था इस्तीफा
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मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तीन दिन बाद भी एन. बीरेन सिंह के उत्तराधिकारी पर कोई सहमति नहीं बनने के कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है. मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा के चलते कानून-व्यवस्था की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है.
मणिपुर में बीरेन सिंह के सीएम पद से इस्तीफे के बाद अब सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है. मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा के चलते कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर बनी हुई है. बीते रविवार को बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से ही नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाने के लिए बीजेपी नेताओं की बैठकों का दौर शुरू हो गया था. मणिपुर प्रभारी संबित पात्रा बीजेपी के दिग्गज नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे थे. हालांकि अब सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है.
संविधान के अनुच्छेद 174(1) के अनुसार राज्य विधानसभाओं को अपनी अंतिम बैठक के छह महीने के भीतर बुलाना अनिवार्य है. मणिपुर में पिछला विधानसभा सत्र 12 अगस्त 2024 को बुलाया किया गया था. लेकिन बीते दिन यानी बुधवार को विधानसभा सत्र बुलाने की समय सीमा खत्म हो गई.
हालांकि, राज्यपाल अजय भल्ला ने रविवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद सोमवार से शुरू होने वाले बजट सत्र को सस्पेंड कर दिया. बीरेन सिंह ने अपनी सरकार के अविश्वास प्रस्ताव और महत्वपूर्ण फ्लोर टेस्ट का सामना करने से ठीक एक दिन पहले पद छोड़ दिया, जिससे राजनीतिक टकराव की संभावना टल गई. मई 2023 में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के लगभग 2 साल बाद और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच उनका इस्तीफा आया, जो लगातार उन्हें हटाने की मांग कर रहा था.
कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि विधानसभा में कांग्रेस के नियोजित अविश्वास प्रस्ताव से पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का इस्तीफा मणिपुर के लोगों को नहीं, बल्कि भाजपा को बचाने के लिए था, क्योंकि लगभग दो साल से जातीय हिंसा जारी है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने जहां इस फैसले को बहुत देर से लिया गया बताया, वहीं लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि भाजपा के पास पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने का कोई रोडमैप नहीं है. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफे का फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा मणिपुर हिंसा में उनकी कथित भूमिका से जुड़े लीक हुए ऑडियो क्लिप की जांच के आदेश के कुछ दिनों बाद लिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑडियो क्लिप में बीरेन सिंह कथित तौर पर यह सुझाव देते सुने गए थे कि मणिपुर में जातीय हिंसा के दौरान मैतेई समूहों को राज्य सरकार से हथियार और गोला-बारूद लूटने की अनुमति दी गई थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक सीलबंद फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद राजनीतिक दबाव और कांग्रेस की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव ने हालात और गंभीर बना दिए.
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