मणिपुर पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया, कांग्रेस बोली- सरकार से लोगों का भरोसा टूट रहा
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मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है. मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर मॉनसून सत्र में हंगामा जारी है. विपक्ष इस मुद्दे पर पीएम मोदी के सदन में बयान और विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है. जबकि सरकार गृहमंत्री अमित शाह के जवाब के साथ अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार है. ऐसे में संसद के दोनों सदनों में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है.
संसद के मॉनसून सत्र का आज 5वां दिन है. मणिपुर मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. इसके अलावा बीआरएस पार्टी द्वारा भी मणिपुर मुद्दे पर अलग से अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार के ऊपर से लोगों का भरोसा टूट रहा है. हम चाहते हैं कि पीएम मोदी मणिपुर पर बोले, लेकिन वे बात नहीं सुनते, ऐसे में हमने अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने 9:20 मिनट पर लोकसभा में सेक्रेटरी जनरल के दफ्तर में नो कॉन्फिडेंस मोशन का नोटिस दिया. यह प्रस्ताव 10:00 बजे के पहले लाया जाता है. किसी सरकार के खिलाफ नो कॉन्फिडेंस मोशन लाने के लिए कम से कम 50 सांसदों के समर्थन की जरूरत पड़ती है.
मणिपुर पर जारी है हंगामा दरअसल, मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है. मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर मॉनसून सत्र में हंगामा जारी है. विपक्ष इस मुद्दे पर पीएम मोदी के सदन में बयान और विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है. जबकि सरकार गृहमंत्री अमित शाह के जवाब के साथ अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार है. लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान पर अड़ा है. ऐसे में संसद के दोनों सदनों में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है.
क्या कहा कांग्रेस ने ?
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पीएम मोदी मणिपुर पर सदन के बाहर तो बात करते हैं, लेकिन सदन के अंदर नहीं बोलते. विपक्ष ने मणिपुर पर बार बार सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की, लेकिन यह विफल रही. ऐसे में अब अविश्वास प्रस्ताव ही सही है. उन्होंने कहा, अविश्वास प्रस्ताव हर वक्त जीतने के लिए नहीं होता, देश को मालूम हपो कि किस तरह से सरकार ने तानाशाह रूप बनाकर रखा है और विपक्ष का अपमान किया जा रहा है. ये जीत हार वाली बात नहीं है. सवाल ये है कि हमें इस हालत में हमें क्यों आना पड़ा? उधर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, जब पीएम मोदी के पास संसद में बयान देने के लिए आत्मविश्वास की कमी हो. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी तक मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर 'मौन' रखते हैं. बृजभूषण पर कुछ नहीं बोलते. कहते हैं कि चीन ने किसी जमीन पर कब्जा नहीं किया. तो I.N.D.I.A को उनमें कैसे विश्वास रहे?
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