मंगल ग्रह पर रहस्यमय नई पोलर फ्लेम का लगा पता, जानें वैज्ञानिकों ने क्या कहा
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मिशन के वैज्ञानिकों ने उल्लेख किया कि सौर हवा मंगल ग्रह के चारों ओर अंतर्ग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को ले जाती है और इसे फैलाती है. इस प्रकार मंगल ग्रह की पर्त में वह चुंबकत्व के साथ संयोजन करके रात में चुंबकीय क्षेत्रों का एक जटिल पुंज ‘‘मार्स मैग्नेटोटेल’’ बनाती है.
दुबई: एमिरेट्स मार्स मिशन (ईएमएम) के ''होप प्रोब'' ने मंगल ग्रह के रहस्यमय ध्रुवीय प्रकाश की आश्चर्यजनक छवियों को कैद किया है. यह प्रकाश लाल ग्रह के वातावरण और उसके चुंबकीय क्षेत्रों और सौर हवा के बीच संबंध में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगी. ध्रुवीय ज्योति यानी औरोरा पृथ्वी पर दिखाई देने वाली उत्तरी रोशनी की तरह प्रकाश की हिलने वाली तरंगें हैं. वे एक ग्रह पर तब दिखाई देती हैं जब सौर गतिविधि उसके वातावरण को प्रभावित करती हैं.
ईएमएम के हालिया अवलोकन में यह घटना शामिल है जो पहले कभी नहीं देखी गई. इसे 'सिनौस डिस्क्रीट औरोरा' (एसडीए) कहा जाता है. यह एक विशाल औरोरा है जो मंगल ग्रह में आधे से ज्यादा क्षेत्र में फैला हुआ है.