
भीषण गर्मी से रोजगार पर भयानक संकट की आशंका, 3 करोड़ लोग हो जाएंगे बेरोजगार!
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दिल्ली में इस साल गर्मी का औसत तापमान 41 डिग्री तक पहुंच गया था. मार्च में पड़ी गर्मी के चलते आम से लेकर गेहूं की फसलों तक को नुकसान पहुंचा था. ऐसे में आशंका है कि 2030 तक भीषण गर्मी के कारण 3 करोड़ 40 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं.
भारत में गर्मी का प्रकोप बीते कई साल में तेजी से बढ़ा है. ये गर्मी केवल सेहत पर ही असर नहीं डाल रही है, इससे रोजगार की रफ्तार घटने के साथ ही मौजूदा नौकरियों पर छंटनी की छाया भी गहराती जा रही है. इसकी वजह भीषण गर्मी के साथ ही ठंड के मौसम का घटना भी है. ऐसे में विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट, 'भारत के शीतलन क्षेत्र में जलवायु निवेश के अवसर' में कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीयों को हीटवेव ने काफी परेशान किया है और अब भारत ग्लोबल वार्मिंग जैसे मुद्दों को नजरअंदाज नहीं कर सकता है.
2022 में गर्मी ने बरपाया कहर
इस साल अप्रैल में दिल्ली का औसत तापमान 41 डिग्री पहुंच चुका था. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल मार्च में तो तापमान में असामान्य तेजी दर्ज की गई थी. मार्च में तेज गर्मी से इस बार फलों के राजा आम की फसल को नुकसान हुआ तो सबका पेट भरने वाले गेहूं के उत्पादन और क्वालिटी में गिरावट दर्ज की गई थी.
ऐसे में वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट की ये भविष्यवाणी कि 'भारत उन पहले देशों में होगा, जिनपर भारी गर्मी और हीटवेव का बुरा असर लोगों की जिंदगी पर पड़ेगा' एकदम सही साबित होती नजर आती है. क्योंकि इस साल भी गर्मी ने भारतीयों के रोजमर्रा के जीवन को खान पान से लेकर सेहत तक हर जगह प्रभावित किया है. लेकिन गर्मी का ये प्रकोप केवल यहां तक सीमित नहीं है बल्कि ये लोगों के जिंदा रहने की सीमा को भी कम कर सकता है.
भारत की अर्थव्यवस्था पर 'भारी' पड़ेगी गर्मी
पिछले साल अगस्त में जलवायु परिवर्तन पर जारी की गई अंतर-सरकारी पैनल की छठी आकलन रिपोर्ट ने चेतावनी दी थी कि भारतीय उपमहाद्वीप में लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा. G20 क्लाइमेट रिस्क एटलस ने भी 2021 में चेतावनी दी थी कि अगर कार्बन उत्सर्जन ज्यादा रहता है तो 2036 से लेकर 2065 तक पूरे भारत में गर्मी की लहरें 25 गुना ज्यादा वक्त तक रहने की आशंका है. इसमें ये चेतावनी भी दी गई है कि भारतवर्ष में बढ़ती गर्मी आर्थिक तरक्की को खतरे में डाल सकती है.

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