
भारत से विवाद के बीच चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मिले मुइज्जू, क्या हुई बात?
AajTak
भारत और मालदीव के बीच तनाव चल रहा है. इस तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के दौरे पर हैं. इस दौरे में उन्होंने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की है.
भारत के साथ चल रहे राजनयिक विवाद के बीच बुधवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है. राष्ट्रपति मुइज्जू पांच दिनों के चीन दौरे पर हैं जहां उनका जोर-शोर से स्वागत किया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई. आधिकारिक मीडिया ने मुलाकात की अधिक जानकारी दिए बिना बताया कि दोनों नेताओं ने बातचीत की है.
चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू का चीन दौरा ऐसे वक्त में हो रहा जब भारत के साथ मालदीव का राजनयिक विवाद चल रहा है. दरअसल मालदीव के कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. मंत्रियों ने पीएम मोदी की लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरों पर आपत्तिजनक ट्वीट किए थे. मालदीव के एक नेता जाहिर रमीज ने पीएम मोदी के ट्वीट के जवाब में लिखा था, 'अच्छा कदम है लेकिन हमसे मुकाबला करने वाली बात भ्रम पैदा करती है. भारत के लोग इतने साफ कैसे हो सकते हैं. उनके कमरों से बराबर बदबू आती है जो इस राह में बड़ी रुकावट है.'
मालदीव के नेताओं की इस तरह की टिप्पणी से भारी विवाद पैदा हुआ जिसके बाद मालदीव सरकार ने खुद को नेताओं के बयान से अलग कर लिया और कहा कि ये उनके निजी विचार है. मालदीव सरकार ने अपने नेताओं की टिप्पणियों की निंदा की. इसके कुछ समय बाद ही ऐसी खबर आई कि मालदीव की सरकार ने पीएम मोदी के पोस्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने वाले सभी नेताओं को निलंबित कर दिया है.
मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री (MATI) ने भी अपमानजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा की.
इस विवाद के बाद मालदीव के पर्यटन को भारी नुकसान होने की संभावना है क्योंकि सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग बता रहे हैं कि उन्होंने अपने मालदीव जाने का प्लान कैंसिल कर दिया. मालदीव में सबसे अधिक पर्यटक भारत से जाते हैं और इस विवाद से मालदीव के पर्यटन को बड़ा झटका लगा है.
चीनी प्रधानमंत्री से भी मिलेंगे मुइज्जू

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.