![भारत से बढ़े टकराव के बीच कनाडाई मीडिया ने ही खोल दी अपने PM जस्टिन ट्रूडो की पोल!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202410/670e135d360ec-justin-trudeau--narendra-modi-150143321-16x9.jpg)
भारत से बढ़े टकराव के बीच कनाडाई मीडिया ने ही खोल दी अपने PM जस्टिन ट्रूडो की पोल!
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कनाडा और भारत के बीच राजनयिक तनाव चरम पर है. कनाडा का आरोप है कि भारत एजेंट्स उसकी धरती पर उसके नागरिकों को कथित तौर पर निशाना बना रहे हैं. भारत ने इन आरोपों से इनकार किया है और अपने 6 राजनयिकों को कनाडा से वापस बुला लिया है. साथ ही भारत में मौजूद 6 कनाडाई राजनयिकों को वापस देश जाने को कह दिया है.
भारत और कनाडा के बीच बीते एक साल से चला आ रहा तनाव उस वक्त चरम पर पहुंच गया जब सोमवार को कनाडा ने देश में हिंसा और हत्याओं के पीछे भारतीय एजेंटों का हाथ होने का आरोप लगाया. कनाडा के रॉयल कनैडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के कमिश्नर माइकल ड्यूहेम के भारत पर लगाए इन आरोपों के बाद भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा समेत बाकी डिप्लोमैट्स को वापस बुला लिया और कनाडा के छह डिप्लोमैट्स को देश से निष्कासित कर दिया है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि भारत के छह एजेंटों के आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के सबूत मिले हैं और भारत सरकार सहयोग से इनकार कर रही है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी.
भारत-कनाडा के बीच मची इस तनातनी को लेकर कनाडा की मीडिया में काफी चर्चा है. वहां के अखबार, न्यूज वेबसाइट्स दोनों देशों के राजनयिक तनाव की खबरों से अटे पड़े हैं.
'कनाडा-भारत दोनों ही रिश्ते सुधारने की जल्दी में नहीं'
कनाडा के एक अखबार 'नेशनल पोस्ट' ने दोनों देशों के बीच तनाव को दिखाने के लिए 'राजनयिक युद्ध' शब्द का इस्तेमाल किया है. अखबार ने लिखा, 'कनाडा, भारत के साथ कम से कम कूटनीतिक रूप से युद्ध में है.
अखबर ने लिखा, 'यह वही भारत है, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध में कनाडा के साथ मिलकर जापानियों और जर्मनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी; एक लोकतंत्र और राष्ट्रमंडल का सदस्य जो चीन जैसे देशों के खिलाफ एक सहयोगी है. फिर भी, दोनों देशों के बीच संबंध बद से बदतर होते चले गए हैं और दोनों में से कोई भी सरकार रिश्ते सुधारने की जल्दी में नहीं दिख रही है.'
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.