
भारत सरकार का एक फैसला और UAE में बढ़ने लगी महंगाई, जानें पूरा मामला
AajTak
खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने और घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है. मोदी सरकार के इस फैसले से अरब देश UAE प्याज की कम आपूर्ति से जूझ रहा है.
भारत सरकार द्वारा प्याज निर्यात पर लगाए गए बैन के बाद से अरब देश UAE में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. UAE के खुदरा विक्रेताओं के मुताबिक, भारत द्वारा प्याज निर्यात पर लगाए गए बैन के बाद से देश में प्याज की कीमतें छह गुना तक बढ़ गई हैं. भारत के खुदरा बाजार में प्याज 60 से 70 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है.
घरेलू कीमतों पर काबू पाने और इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए भारत ने अगले साल मार्च तक प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. 8 दिसंबर को विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 31 मार्च 2024 तक प्याज निर्यात पर प्रतिबंध रहेगा. इससे पहले अगस्त में त्योहारी सीजन को देखते हुए भारत ने प्याज निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगा दिया था.
UAE में प्याज की कीमतों में छह गुना तक बढ़ोतरी
UAE की अखबार खलीज टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत द्वारा प्याज निर्यात पर लगाए गए बैन के बाद देश में प्याज कीमतों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है. खुदरा उद्योग के व्यापारियों का कहना है कि प्याज की कीमत छह गुना तक बढ़ गई है, इसलिए वे प्याज आयात के लिए वैकल्पिक स्रतों की तलाश कर रहे हैं.
अल सफीर ग्रुप एफएमसीजी के निदेशक अशोक तुलसियानी का कहना है कि तुर्की, ईरान और चीन वैकल्पिक स्रोत हैं. लेकिन मात्रा, गुणवत्ता और कीमत के मामले में भारतीय प्याज की मांग सबसे ज्यादा होती है. किसी अन्य देश का प्याज भारतीय प्याज की कमी को पूरा नहीं कर सकता है.
दरअसल, भारत सिर्फ UAE ही नहीं, बल्कि अन्य खाड़ी देशों के लिए भी प्रमुख प्याज निर्यातक देश है. यही वजह है कि भारत की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के बाद अन्य अरब देशों में भी प्याज की कीमतें बढ़ने लगी हैं.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.