
भारत को लगी ठोकर, अब सऊदी अरब का गुरूर तोड़ने का बनाया प्लान!
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भारत ने दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक और उपभोक्ता के रूप में जापान को पीछे छोड़ दिया है. लेकिन यह भी सच है कि भारत ने 2016 में 64% से अधिक आयात को लेकर मध्य पूर्व पर अपनी निर्भरता को 2019 में 60% तक कम किया है.
भारत और सऊदी अरब के बीच कच्चे तेल को लेकर कश्मकश जारी है. भारत ने मिडिल ईस्ट पर कच्चे तेल की अपनी निर्भरता को कम करने के मकसद से देश में तेल उत्पादन करने वालीं इकाइयों से उत्पादन बढ़ाने को कहा है. भारत के इस कदम को तेल उत्पादक देशों के संगठन OPEC+ के लिए संदेश माना जा रहा है कि तेल उत्पादन को लेकर उन्हें तौर-तरीका बदलना होगा. (फाइल फोटो-Getty Images) तेल उत्पादक और निर्यातक देशों ने जब अप्रैल में भी उत्पादन में कटौती जारी रखी तो भारत ने सख्त तेवर अख्तियार कर लिए. विगत दिनों केंद्रीय तेल और गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सऊदी अरब के तेल मंत्री अब्दुल अजीज बिन सलमान अल सऊद के बयान पर आपत्ति जाहिर की थी. भारत ने कच्चे तेल के दाम को कम करने की अपील की थी, लेकिन अब्दुल अजीज बिन सलमान अल सऊद का कहना था कि भारत अपने उस स्ट्रैटेजिक तेल रिजर्व का इस्तेमाल करे, जो उसने पिछले साल तेल के गिरती कीमतों के दौरान खरीद कर जमा किया है. (फाइल फोटो-PTI)More Related News

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