भारत के 8 में से 5 पड़ोसी देशों में सरकारों पर आया संकट, कहीं सेना ने किया तख्तापलट, तो कहीं विपक्ष ने संभाली कमान
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भारत की सीमा पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश से मिलती है. वहीं, श्रीलंका से भारत की समुद्री सीमा मिलती है. अफगानिस्तान को भी भारत के पड़ोसी मुल्क के तौर पर देखा जाता है. भारत के 5 पड़ोसी देशों में पिछले एक साल में उथल पुथल हुई है. आईए जानते हैं अभी कहां कैसे हालात हैं?
भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में सियासी संकट के बादल छाए हुए हैं. विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने का डिप्टी स्पीकर का फैसला सही है या गलत, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिछले दो दिन से सुनवाई जारी है. 5 जजों की बेंच बुधवार को फिर मामले में सुनवाई कर रही है. उधर, भारत की समुद्री सीमा से जुड़े एक और पड़ोसी देश श्रीलंका में आर्थिक संकट जारी है. इस संकट से जूझ रही जनता सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है और राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रही है. इससे पहले प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की पूरी कैबिनेट भी इस्तीफा सौंप चुकी है. इतना ही नहीं एक साल में भारत के तीन अन्य पड़ोसी देशों नेपाल, अफगानिस्तान और म्यांमार में भी सत्ता परिवर्तन हुआ है.
1- पाकिस्तान: इमरान कार्यकाल पूरा न करने वाले 22वें पीएम बने
14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान भारत से अलग होकर नया देश बना था. ऐसे में पड़ोसी मुल्क होने के नाते, पाकिस्तान में होने वाली किसी भी आर्थिक और राजनीतिक गतिविधि का असर सबसे पहले भारत पर पड़ता है. पाकिस्तान इन दिनों राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. दरअसल, यहां विपक्ष के चाल में फंसकर प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफा देना पड़ा. हालांकि, कुछ जानकार इसे इमरान का मास्टर स्टोक भी कह रहे हैं. भले ही इमरान का ये मास्टर स्टोक हो, लेकिन उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी. इसी के साथ इमरान खान पाकिस्तान के इतिहास में 22 वें ऐसे पीएम बन गए हैं, जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके.
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इमरान को क्यों छोड़नी पड़ी कुर्सी?
इमरान खान ने 2018 में पाकिस्तान की बागडोर संभाली थी. उन्होंने नया पाकिस्तान बनाने का नारा भी दिया था. पाकिस्तान की जनता ने आम चुनाव में इमरान की पार्टी पीटीआई को भरपूर समर्थन भी दिया. हालांकि, उनकी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने MQMP, PMLQ और जम्हूरी वतन समेत कुछ अन्य छोटी पार्टियों के साथ सरकार बनाई थी. पाकिस्तान में इमरान खान सरकार में महंगाई हमेशा मुद्दा बना रहा. यहां तक कि कभी रोटी के लाले पड़े तो कभी चीनी के भाव आसमान पर पहुंचे. इसे लेकर विपक्ष लगातार उनपर निशाना साधता रहा. लेकिन सितंबर 2020 में पाकिस्तान की सभी बड़ी विपक्षी पार्टियों ने मिलकर एक गठबंधन बनाया और इमरान को सत्ता से हटाने के लिए रणनीति बनाना शुरू कर दिया.
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