भारत के इस कदम को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने बताया मनमाना
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश सिख कार्यकर्ता की हिरासत को लेकर भारत पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने मनमाने ढंग से ब्रिटिश सिख कार्यकर्ता जगतार सिंह को साढ़े चार सालों से हिरासत में रखा है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने भारत के सामने इस मामले को 100 से अधिक बार उठाया है.
ब्रिटेन के सिख एक्टिविस्ट जगतार सिंह जोहल को साढ़े चार सालों से भारत की जेल में कैद रखे जाने को लेकर ब्रिटेन ने कड़ी आपत्ति जताई है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पहली बार जगतार सिंह के लिए भारत को निशाने पर लिया है. जॉनसन ने कहा है कि भारत सरकार ने मनमाने ढंग से ब्रिटिश सिख एक्टिविस्ट जगतार सिंह को साढ़े चार सालों से जेल में कैद कर रखा है. ब्रिटिश अखबार द गार्डियन का कहना है कि उसने बोरिस जॉनसन के उस पत्र को देखा है जिसमें उन्होंने ये बात लिखी है. जॉनसन का ये पत्र विपक्षी लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर के नाम है. दरअसल, कीर ने ही जॉनसन से जगतार सिंह के संबंध में सवाल किया था जिसके बाद पीएम ने उन्हें पत्र लिखा.
पत्र में प्रधानमंत्री ने लिखा है कि जगतार सिंह के खिलाफ बिना किसी ट्रायल के उन्हें मनमाने ढंग से कैद रखा गया है. जगतार सिंह को साल 2017 में प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) द्वारा की गई हत्याओं में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था.
डंबर्टन के रहने वाले जगतार सिंह जोहल उस साल अपनी शादी के लिए पंजाब आए थे और इसी दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. उसके बाद से उनके मुकदमे को लेकर कई तारीख दी गई लेकिन किसी भी तारीख पर सुनवाई नहीं हो पाई है.
इसी मुद्दे को लेकर जगतार सिंह के भाई गुरप्रीत सिंह जोहल ने लेबर पार्टी के नेता और उप-विदेश सचिव (shadow foreign secretary) डेविड लैमी के साथ एक मीटिंग की. उन्होंने बोरिस जॉनसन की टिप्पणी को इस केस में अहम बताया लेकिन साथ ही ये सवाल भी किया कि उनकी टिप्पणी आने में इतने सालों का वक्त क्यों लग गया?
पिछले महीने 'मनमाने ढंग से हिरासत' को लेकर आयोजित एक मीटिंग में संयुक्त राष्ट्र के एक पैनल ने भी कहा कि जगतार सिंह जोहल को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया है. उन पर बिना कोई मुकदमा किए सालों से कैद करके रखा गया है.
पत्र में और क्या बोले बोरिस जॉनसन
स्पेन में रूस के दूतावास ने एक बयान में कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि मालवाहक जहाज किन परिस्थितियों में डूबा और स्पेन में अधिकारियों के संपर्क में हैं. लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप के मुताबिक ओबोरोनलॉजिस्टिका ग्रुप की सिस्टर कंपनी SK-Yug, कार्गो शिप 'Ursa Major' की ऑनर और ऑपरेटर है. उसने इसके डूबने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
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