
भारत की उपेक्षा करने के सवाल पर क्या बोले दिल्ली आए रूसी विदेश मंत्री
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रूस के विदेश मंत्री ने भारत-चीन के रिश्ते पर कहा कि हम दोनों पक्षों की सकारात्मक नजरिये की सराहना करते हैं. हम एक फ्रेकवर्क के तहत मल्टीलेट्रल संवाद को लेकर नई दिल्ली और बीजिंग के स्वतंत्र रूप से बातचीत करने के हिमायती हैं.
हाल के दिनों रूस और भारत के संबंधों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. कहा जा रहा है कि रूस और भारत अब एक दूसरे के लिए बहुत उपयोगी नहीं रह गए हैं. लेकिन दोनों देशों के रिश्तों का अतीत बहुत स्वर्णिम रहा है. चीन के कारण भारत को अमेरिका की तरफ देखना पड़ रहा है और ऐसे में रूस के साथ रिश्ते असहज हो जाते हैं. रूस के विदेश मंत्री लावरोव से सवाल पूछा गया, "रूस ने अफगानिस्तान में भारत के हितों और शांति प्रक्रिया में उसके प्रयासों को पहचाना है लेकिन फिर भी मॉस्को में हुई बैठक में भारत को शामिल नहीं किया गया. कई लोगों ने ये भी कयास लगाए कि रूस ने पाकिस्तान की वजह से भारत की उपेक्षा की. रूस अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया और हालात सामान्य करने की कोशिशों में भारत को किस भूमिका में देखता है?"More Related News

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.