
भारत की आपत्ति के बावजूद नहीं मान रहा बांग्लादेश, लेने जा रहा ये फैसला
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भारत और बांग्लादेश के बीच दशकों से तीस्ता नदी के जल बंटवारे को लेकर विवाद रहा है. दोनों देशों के बीच नदी के पानी के बंटवारे को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है. इसी बीच बांग्लादेश ने कहा है कि उसे चीन की तरफ से तीस्ता नदी पर जलाशय बनाने के प्रस्ताव मिले हैं.
बांग्लादेश ने कहा है कि चीन ने तीस्ता नदी पर एक जलाशय बनाने का प्रस्ताव दिया है. भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करने वाली तीस्ता नदी को लेकर चीन के प्रस्ताव पर शेख हसीना की सरकार का कहना है कि वो प्रस्ताव पर भूराजनीतिक मुद्दों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ेगी. भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे को लेकर दशकों से विवाद रहा है और अभी तक कोई समझौता नहीं हो पाया है.
बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता सेहेली सबरीन ने चीनी प्रस्ताव के संबंध में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'उन्होंने (चीन ने) तीस्ता के बांग्लादेश हिस्से पर विकास कार्यों के लिए सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई है. संबंधित मंत्रालय और इकोनॉमिक रिलेशंस डिविजन उनके प्रस्ताव पर विचार करेंगे.'
चीन बांग्लादेश के रणनीतिक सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे चिकन नेक के नाम से भी जाना जाता है, के पास एक प्रमुख प्रोजेक्ट में बांग्लादेश का अहम हिस्सेदार है. भारत ने इसे लेकर सख्त आपत्ति जताई है. जब इसे लेकर सवाल किया गया तो प्रवक्ता ने कहा, 'ऐसे मामले में बांग्लादेश प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ते हुए भूराजनीतिक मुद्दों को ध्यान में रखेगा.'
चीन के राजदूत ने क्या कहा था?
बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय की तरफ से यह टिप्पणी चीनी राजदूत याओ वेन के उस बयान के एक हफ्ते बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजिंग को तीस्ता बेसिन के विकास के लिए कई प्रस्ताव मिले हैं.
चीनी राजदूत ने कहा था, 'हमें बांग्लादेश की तरफ से कई प्रस्ताव मिले हैं और हम वहां आम चुनाव खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं.

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