
भारतीय रुपया जल्द बनेगा इंटरनेशनल करेंसी! Rupee में कारोबार पर 64 देशों ने दिखाई दिलचस्पी
AajTak
रूस (Russia) के साथ Indian Currency Rupee में व्यापार की शुरूआत के बाद देश में अब तक 17 वोस्ट्रो खाते खुल चुके हैं. जर्मनी, इजरायल जैसे विकसित देशों समेत 64 देशों ने रुपये के जरिए कारोबार करने में दिलचस्पी दिखाई है.
भारतीय मुद्रा (Indian Currency) तेजी से इंटरनेशनल करेंसी बनने की तरफ आगे बढ़ रही है. रूस और श्रीलंका के बाद चार अफ्रीकी देशों समेत कई देश बहुत जल्दी भारत के साथ रुपये में कारोबार करने के लिए तैयार हैं. अभी तक भारत में 17 वोस्ट्रो खाते खोले जा चुके हैं जो दूसरे देशों के साथ रुपये में बिजनेस करने के लिए अनिवार्य हैं. यही नहीं जर्मनी-इजरायल समेत 64 देश भारत के साथ Rupee में ट्रेड सेटलमेंट के लिए बातचीत कर रहे हैं. अगर 30 देशों के साथ भारत का रुपए में कारोबार शुरु हो गया तो फिर रुपया अंतरराष्ट्रीय करेंसी बन जाएगा.
डॉलर पर निर्भरता घटाने के लिए उठाया कदम
विदेशी व्यापार में डॉलर (Dollar) की निर्भरता कम करने के लिए भारत की तरफ से उठाया कदम कारगर साबित हो रहा है. RBI ने जुलाई 2022 में विदेशों से ब्याज आकर्षित करने और डॉलर पर निर्भरता घटाने के लिए रुपये में ट्रेड सेटलमेंट सिस्टम का प्रस्ताव किया था. रूस के साथ रुपये में व्यापार की शुरूआत के बाद देश में 17 वोस्ट्रो खाते खुल चुके हैं. जर्मनी, इजरायल जैसे विकसित देशों समेत 64 देशों ने रुपये के जरिए कारोबार करने में दिलचस्पी दिखाई है.
पहली बार एशियाई मुद्रा में कारोबार को तैयार जर्मनी
पहली बार यूरोपीय यूनियन में शामिल देश जर्मनी एशिया की किसी मुद्रा यानी भारतीय मुद्रा रुपये (Indian Currency Rupee) के साथ व्यापार करने के लिए आगे आया है. भारत का रुपया अगर 30 से ज्यादा देशों के साथ व्यापार करता है, तो फिर वो अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक मुद्रा का रूप ले सकता है. जर्मनी के साथ साथ ही इजरायल भी भारतीय मुद्रा में कारोबार करने के लिए बातचीत कर रहा है.
डॉलर की कमी से रुपये को फायदा!

साल 2023 में इसे डिफॉल्ट कर दिया गया. हालांकि न्यू टैक्स रिजीम को लेकर अक्सर कहा जाता है कि इसमें कुछ भी एक्स्ट्रा टैक्स छूट नहीं मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है. आप अन्य डिडक्शन का बेनिफिट उठा सकते हैं. सिर्फ सैलरीड ही नहीं, बल्कि अन्य लोग भी न्यू टैक्स रिजीम के तहत एक्स्ट्रा डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं.

इस भारी गिरावट के बाद निवेशकों को ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात (Trump-Zelensky Meeting) से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव को खत्म करने का रोडमैप मिलने की उम्मीद थी और अनुमान था कि सोमवार को भारतीय बाजार में थोड़ी तेजी आ सकती है, लेकिन ट्रंप-जेलेंस्की के बीच बहस (Trump-Zelensky) ने चिंता पैदा कर दी है.