
भारतीय पूर्व क्रिकेटर का भाई चंडीगढ़ की जेल में बंद, करोड़ों रुपये के लेनदेन से जुड़ा है मामला
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मामला 2018 का है, जब हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित श्री नैना प्लास्टिक कंपनी ने जलता कंपनी से माल मंगवाया था. इस डील के तहत जलता कंपनी ने कुल 7 करोड़ रुपये के 7 चेक (प्रत्येक 1 करोड़ रुपये के) जारी किए थे, लेकिन जब ये चेक बैंक में जमा किए गए, तो अपर्याप्त धनराशि के कारण बाउंस हो गए.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी के भाई विनोद सहवाग इस समय चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल में बंद हैं. उन्हें 7 करोड़ रुपये के चेक बाउंस मामले में अदालत के निर्देश पर गिरफ्तार किया गया है. अदालत के आदेश पर चंडीगढ़ पुलिस ने पिछले हफ्ते विनोद सहवाग को गिरफ्तार किया था और कोर्ट में पेश करने के बाद बुड़ैल जेल भेज दिया. फिलहाल, वे पिछले एक हफ्ते से जेल में हैं और गुरुवार को चंडीगढ़ की अदालत में जमानत याचिका दायर की है.
दरअसल, मामला 2018 का है, जब हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित श्री नैना प्लास्टिक कंपनी ने जलता कंपनी से माल मंगवाया था. इस डील के तहत जलता कंपनी ने कुल 7 करोड़ रुपये के 7 चेक (प्रत्येक 1 करोड़ रुपये के) जारी किए थे, लेकिन जब ये चेक बैंक में जमा किए गए, तो अपर्याप्त धनराशि के कारण बाउंस हो गए.
आरोप है कि श्री नैना प्लास्टिक कंपनी ने जब जलता कंपनी से संपर्क किया, तो भी भुगतान नहीं हुआ. इसके बाद कानूनी नोटिस भेजकर 15 दिनों के भीतर भुगतान की मांग की गई, लेकिन फिर भी राशि नहीं चुकाई गई. मजबूर होकर कंपनी ने 2018 में जलता कंपनी और इसके तीन निदेशकों विष्णु मित्तल, सुधीर मल्होत्रा और विनोद सहवाग के खिलाफ मामला दर्ज कराया.
2018-2019 के दौरान चंडीगढ़ की निचली अदालत में मामले की सुनवाई हुई और पहले जमानती, फिर गैर-जमानती वारंट जारी किए गए. 22 जुलाई 2019 को विनोद सहवाग कोर्ट पहुंचे और 2 लाख रुपये की जमानत पर रिहा हो गए. इसके बाद उन्होंने अक्टूबर 2019 में सेशंस कोर्ट में समन आदेश को चुनौती दी और अदालत में दावा किया कि वे जलता कंपनी के न तो निदेशक हैं और न ही कर्मचारी.

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