भारतीय पासपोर्ट की ताकत आई सामने, इतने देशों में मिलेगी वीजा फ्री एंट्री
AajTak
visa free countries for indians 2023: अगर आप विदेश घूमने की तैयारी कर रहे हैं तो 57 देश ऐसे हैं, जहां वीजा अप्लाई की परेशानी से आप बच जाएंगे. जी, हां या तो यह देश भारतीय पासपोर्ट पर वीजा फ्री एंट्री देते हैं या वीजा ऑन अराइवल का ऑप्शन दिया जाता है.
किसी भी भारतीय को जब किसी दूसरे देश की यात्रा करनी होती है तो उसका पासपोर्ट सबसे अहम डॉक्यूमेंट बन जाता है. दरअसल, कितने देश आपके देश के यात्रियों को कितनी सुविधा दे रहे हैं, वह आपके पासपोर्ट की ग्लोबल रैंक के अनुसार ही तय होता है. ऐसे में मंगलवार को जारी हेनले पासपोर्ट इंडेक्स रैंकिंग में भारत अब 80वें पायदान पर पहुंच गया है. साल 2022 की हेनले पासपोर्ट इंडेक्स रैंकिंग के मुकाबले इस बार भारतीय पासपोर्ट 5 पायदान ऊपर है.
भारतीय पासपोर्ट के धारकों को मौजूदा समय में 57 देशों की यात्रा के लिए वीजा अप्लाई की जरूरत नहीं पड़ती है. इन देशों में भारतीयों को वीजा फ्री एंट्री मिलती है, या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा दी जाती है. वीजा ऑन अराइवल में यात्रियों को संबंधित देश में पहुंचने के बाद एयरपोर्ट पर ही तुरंत वीजा दे दिया जाता है. इसकी प्रक्रिया भी आसान होती है, जिससे यात्रियों को काफी फायदा भी मिलता है.
दूसरी ओर, 177 देश ऐसे भी हैं, जहां जाने के लिए भारतीय नागरिकों को पहले वीजा अप्लाई करना पड़ता है. जांच के बाद ही उन्हें वीजा दिया जाता है. इन देशों में अमेरिका, चीन, जापान, रूस और यूरोपियन यूनियन के भी सभी देश शामिल हैं.
सिंगापुर का पासपोर्ट सबसे ताकतवर हेनले रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर का पासपोर्ट जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट बन गया है. सिंगापुर के पासपोर्ट पर दुनिया के 192 देशों में वीजा फ्री एंट्री दी जाती है. वहीं पिछले 5 साल से नंबर वन रहा जापान अब तीसरे नंबर पर पहुंच गया है. दूसरी ओर, अमेरिका जो कभी पहले नंबर पर हुआ करता था, अब आठवें नंबर पर पहुंच गया है.
भारत से इन 57 देशों में जाने के लिए वीजा फ्री या वीजा ऑन अराइवल का ऑप्शन मिलता है. पढ़िए पूरी लिस्ट.
1. फिजी
थाईलैंड में समलैंगिक विवाह कानून लागू हो गया है जिसके बाद वहां के समलैंगिक कपल्स को शादी करने का कानूनी अधिकार मिल गया है. थाईलैंड की तरह दुनिया के कई देशों में समलैंगिकों को शादी करने का हक मिला हुआ है लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता पर रोक है और इसके लिए मौत की सजा तक दी जा सकती है.
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही बाइडन कार्यकाल के रिफ्यूजी प्रोग्राम को निरस्त कर दिया है. इस प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान में फंसे हुए अफगानी शरणार्थियों को अमेरिका में सेटल करवाना था. बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान से कहा था कि कुछ ही समय में अमेरिका सारे शरणार्थियों को शरण दे देगा लेकिन उनकी सत्ता रहते हुए ऐसा नहीं हो पाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ब्रिक्स देश अपनी करेंसी लाते हैं तो उनके लिए अमेरिका से व्यापार करना काफी मुश्किल हो जाएगा क्योंकि वो इन देशों पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगा देंगे. ट्रंप की इस धमकी पर अर्थशास्त्रियों ने प्रतिक्रिया दी है. अर्थशास्त्री रघुराम राजन का कहना है कि ट्रंप प्रतिक्रिया देने में जल्दबाजी कर रहे हैं.
चीन ने बांग्लादेश को लोन चुकाने के लिए बड़ी राहत दी है. चीन की शी जिनपिंग सरकार ने बांग्लादेश को दिए कर्ज को चुकाने की अवधि को 20 साल से बढ़ाकर 30 साल कर दिया है. चीन दौरे पर पहुंचे बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान यह अनुरोध किया था, जिसे चीन ने स्वीकार कर लिया है.
अपनी चुनावी घोषणा के अनुरूप ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त प्रवासन नीतियों पर अमल शुरू कर दिया है. इस सख्ती के दायरे में वैसे 20 हजार भारतीय हैं जिसके बारे में अमेरिका कहता है कि इनके पास अमेरिका में रहने के वैध कागज नहीं हैं और इन्हें वापस भेजा जाएगा. अमेरिका ने ऐसे 20 हजार भारतीयों को डिपोर्टेशन लिस्ट में डाल दिया है.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो एच-1बी वीजा के दोनों पक्षों को पसंद करते हैं. उनका कहना है कि अमेरिका में वैसे लोग ही आने चाहिए जो बेहद कुशल हैं. लेकिन, वीजा और प्रवासियों पर सख्ती दिखा रहे ट्रंप ने एफबीआई डायरेक्टर के लिए जिस काश पटेल को नियुक्त किया है, वो खुद एक प्रवासी माता-पिता से जन्मे अमेरिकी हैं.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत आने के बाद से ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार उनके प्रत्यर्पण के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. अब बांग्लादेश ने गीदड़भभकी देते हुए कहा है कि अगर भारत पूर्व पीएम शेख हसीना को वापस नहीं भेजता है तो वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने उठाएगा और उनसे हस्तक्षेप की मांग करेगा.