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'भरोसा टूट रहा...', चीन के शीर्ष राजनयिक के सामने NSA अजीत डोभाल की दो टूक
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चीन के साथ रिश्तों में तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन के शीर्ष राजनयिक वांग से मुलाकात की है. इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के मुद्दे पर चर्चा हुई. इसी दौरान डोभाल ने भारत-चीन के रिश्तों को लेकर बड़ी बात कह दी.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी से मुलाकात के दौरान दो टूक कहा है कि 2020 के बाद से दोनों देशों के बीच का रणनीतिक विश्वास और रिश्ता धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. एनएसए डोभाल ने सोमवार को दक्षिण अफ्रीका के शहर जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स एनएसए की बैठक के मौके पर वांग यी से मुलाकात की. इस दौरान डोभाल ने उनसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की स्थिति पर बात करते हुए यह टिप्पणी की.
एनएसए डोभाल और वांग यी की मुलाकात को लेकर मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है. बयान में कहा गया, 'बैठक के दौरान, एनएसए ने बताया कि 2020 से भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर स्थिति ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक विश्वास और रिश्ते को धीरे-धीरे खत्म कर दिया है.'
बयान में यह भी कहा गया है कि 'एनएसए ने समस्या को सुलझाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों पर जोर दिया ताकि द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी के रास्ते में आने वाली मुश्किलों को दूर किया जा सके.'
बयान में आगे कहा गया, 'दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण है.'
इसी महीने जयशंकर से मिले थे वांग यी
इस महीने की शुरुआत में, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग यी की मुलाकात हुई थी जिसमें सीमा पर तनाव को लेकर लंबित मुद्दों पर चर्चा हुई थी. किन गैंग के चीनी विदेश मंत्री बनने के बाद से वांग यी की विदेश मंत्री जयशंकर से यह पहली मुलाकात थी.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.