ब्लड मनी देकर बच सकती है यमन में फंसी केरल की नर्स की जान, इस्लामिक कानून में क्या है इसका मतलब?
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केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन की अदालत ने मौत की सजा सुनाई. निमिषा पर एक यमनी नागरिक की हत्या का आरोप था, जिसने उसे बंदी बनाकर रखा हुआ था. अब इस मामले में भारत सरकार ने ब्लड मनी ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है. पीड़ित परिवार को ब्लड मनी देने पर नर्स की सजा माफ हो सकती है. जानें- क्या है इसका मतलब.
केरलाइट नर्स निमिषा प्रिया को यमन के सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के जुर्म में सजा-ए-मौत सुनाई. अब निमिषा की सजा माफी के लिए केंद्र सरकार ने ब्लड मनी ट्रांसफर को हामी दे दी है. फिलहाल 40 हजार डॉलर की रकम भारतीय दूतावास के जरिए संबंधित परिवार को भेजी जाएगी. जानिए, क्या है निमिषा प्रिया का केस, और क्या है ब्लड मनी, जो मौत की सजा को टाल सकती है.
सबसे पहले जानते हैं क्या हुआ था निमिषा के साथ
पलक्कड़ जिले की निमिषा नर्सिंग की पढ़ाई के बाद शादी करके साल 2012 में परिवार समेत यमन पहुंच जाती हैं. वहां पहुंचने के बाद वे अपना एक अस्पताल खोलने की योजना बनाती हैं. चूंकि यमनी नियम के मुताबिक, केवल वहां के नागरिक ही ऐसा कर सकते हैं तो इस काम में निमिषा की मदद तलाल अब्दो महदी करता है, जो अस्पताल में काम के दौरान उसके संपर्क में आया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तलाल ने निमिषा के साथ शादी के फेक पेपर बनवाए ताकि नर्स को अस्पताल चलाने का लाइसेंस मिल सके. यहां तक सब ठीक था, लेकिन कहानी बदलती है जब साल 2015 में देश में सिविल वॉर छिड़ा. हूती विद्रोहियों के हमले के बीच निमिषा परिवार समेत भारत लौट आईं, लेकिन पैसे कमाने के लिए दोबारा अकेले ही यमन चली गईं.
अब तक तलाल की नीयत बदल चुकी थी. वो निमिषा पर यौन संबंध बनाने का दबाव डालने लगा, साथ ही उसे हॉस्पिटल बंद करवाने की धमकी भी देने लगा. इस बीच मृतक ने नर्स का पासपोर्ट भी अपने पास रख लिया था. केरल की ये नर्स अब हर हाल में देश लौटना चाहती थी. दस्तावेज वापस पाने के लिए उसने एक स्थानीय नर्स के साथ मिलकर योजना के तहत तलाल को नींद का इंजेक्शन दिया और पासपोर्ट खोजने लगी. इस बीच ओवरडोज के चलते यमनी नागरिक की मौत हो गई. घबराई हुई निमिषा और स्थानीय नर्स ने मिलकर मृतक के शरीर के कई टुकड़े कर उसे पानी की टंकी में डाल दिया. लेकिन जल्द ही वे पकड़ी गईं.
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