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ब्रोकरेज ने बताया, एक साल में कितना भागेगा बाजार? अच्छे रिटर्न के लिए पिक किए ये 7 शेयर
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निफ्टी 50 इंडेक्स के लिए 12 महीने के टारगेट में कटौती करते हुए पीएल कैपिटल का मानना है कि भारतीय इक्विटी बाजार दिसंबर 2025 तक स्थिर हो सकते हैं. बेस नजरिए में ब्रोकरेज अनुमान लगाता है कि 50-शेयर इंडेक्स फरवरी 2026 तक 25,689 (पहले 27,172) को छू सकता है.
भारतीय शेयर बाजार में पिछले साल सितंबर से ही गिरावट देखी जा रही है. यह गिरावट ऐसी है, जिसका अभी अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो रहा है. FII की लगातार सेलिंग के कारण निफ्टी 2,463 अंक या 10 फीसदी टूट चुका है. सेंसेक्स 7,095 या करीब 9 फीसदी गिर गया है. इस बीच, PL कैपिटल ने 12 महीने का निफ्टी टारगेट (Nifty Target) घटा दिया है.
निफ्टी 50 इंडेक्स के लिए 12 महीने के टारगेट में कटौती करते हुए पीएल कैपिटल का मानना है कि भारतीय इक्विटी बाजार दिसंबर 2025 तक स्थिर हो सकते हैं. बेस नजरिए में यह अनुमान लगाता है कि 50-शेयर इंडेक्स फरवरी 2026 तक 25,689 (पहले 27,172) को छू सकता है. ब्रोकरेज का मानना है कि कई सरकारी पहलों और मानसून का प्रभाव 2026 की दूसरी तिमाही में बेहतर कंज्यूमर डिमांड से दिखाई देने लगेगा.
बुल केस में पीएल कैपिटल को लगता है कि निफ्टी इंडेक्स अगले 12 महीने में 27,041 (पहले 29,263) और बियर केस में 24,337 (पहले 25,082) को छू सकता है. 25 फरवरी 2025 को इंडेक्स 0.20 फीसदी 74,602 पर बंद हुआ.
ब्रोकरेज ने बताया कौन से शेयर चुनने चाहिए? ब्रोकरेज फर्म ने अपने पोर्टफोलियो में टैक्स कटौती, महंगाई में कमी और रेपो रेट में कटौती के बाद मांग में अनुमानित ग्रोथ के कारण कंज्यूमर पर ज्यादा भार डाला है और बैंकों और हेल्थ सर्विस में अपना भर बढ़ाया है. ब्रोकरेज ने मॉडल पोर्टफोलियो में Cipla, एस्ट्रल पॉली, मारुति सुजुकी, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, ABB, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, इंटरग्लोब एविएशन, ITC और भारती एयरटेल को रखा है. दूसरी ओर, पीएल कैपिटल ने एलएंडटी, टाइटन, एचयूएल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचसीएल टेक, एचडीएफसी एएमसी, आदि में अपना वेटेज को कम किया.
क्यों एफआईआई निकाल रहे पैसे? ग्लोबल इन्वेस्टर्स की ओर से विड्रॉल पर अपने विचार रखते हुए पीएल कैपिटल ने कहा कि ग्लोबल अनिश्चितता और डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपये के कारण FII बिकवाली कर रहे हैं. अक्टूबर 2024 से एफआईआई ने भारतीय इक्विटी और बॉन्ड से 20.2 बिलियन डॉलर निकाले हैं, जो हाल के इतिहास में सबसे अधिक निकासी में से एक है. इसमें आगे कहा गया है कि भारत में 8.2 बिलियन डॉलर का आउटफ्लो हुआ है, जो उभरते बाजारों से कुल एफआईआई आउटफ्लो का एक बड़ा हिस्सा है.
ब्रोकरेज का कहना है कि मजबूत घरेलू बफर की कमी, लगातार वैश्विक अनिश्चितता, सुस्त घरेलू मांग और निरंतर एफडीआई आउटफ्लो भारत में मुद्रा और FPI इनफ्लो में अस्थिरता के लिए निकट भविष्य का जोखिम पैदा करते हैं. हालांकि पीएल कैपिटल का मानना है कि ग्लोबल ज्यादा भारत में विकास का नजरिए ज्यादा सही है. इस कारण वित्त वर्ष 2026 निवेशकों के लिए अच्छा रह सकता है.
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Petrol-Diesel Prices Today: इंटरनेशनल मार्केट में आज कच्चा तेल 75 डॉलर के पार हो गया है. ब्रेंट क्रूड आज 75.11 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि WTI क्रूड 71.09 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं, भारत की बात करें तो सरकारी तेल कंपनियों ने आज (मंगलवार), 25 फरवरी, 2025 को भी सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर ही रखी हैं.