ब्रिटेन में विदेशी कामगारों के लिए बदल गया वीजा नियम, भारतीयों की बढ़ेंगी मुश्किलें
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बाहरी देशों से आने वाले लोगों की संख्या में कमी लाने के लिए ब्रिटेन ने एक बड़ा कदम उठाया है, जिसका असर भारत पर भी पड़ेगा. हर साल बड़ी संख्या में भारतीय ब्रिटेन जाते हैं. इनमें छात्रों और कामगारों की संख्या सबसे अधिक होती है.
प्रवासियों की संख्या में भारी इजाफा से परेशान ब्रिटेन ने वीजा नियमों को सख्त बनाने की कोशिश की है. नए नियमों के तहत ब्रिटेन जाने वाले प्रवासी अपने साथ परिवार के किसी भी सदस्य को साथ नहीं ले जा सकेंगे. ब्रिटेन के गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली ने सोमवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में बोलते हुए नए नियमों को पटल पर रखा है.
दरअसल, पिछले एक साल में सात लाख से ज्यादा लोगों ने ब्रिटेन की ओर रुख किया है. साथ ही अवैध रूप से ब्रिटेन आने वाले प्रवासियों के लिए सरकार की ओर से बनाई गई रवांडा पॉलिसी को वहां के सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी बताया है. इसके बाद से ही सरकार पर वीजा कानूनों को सख्त बनाने का दबाव था. तीन सप्ताह पहले ही ब्रिटेन के नए गृह सचिव बने क्लेवरली पर भी यह दबाव साफ झलक रहा था.
क्लेवरली ने सोमवार को ब्रिटिश संसद में बोलते हुए कहा कि इमिग्रेशन पॉलिसी, निष्पक्ष, सुसंगत, कानूनी और टिकाऊ होनी चाहिए. क्लेवरली ने आगे कहा कि कुल मिलाकर पिछले साल की तुलना में भविष्य में लगभग तीन लाख कम प्रवासी ब्रिटेन आएंगे.
न्यूनतम वेतन सीमा में बदलाव
इमिग्रेशन की संख्या को कम करने के लिए ब्रिटेन सरकार की ओर से बनाए गए नए नियमों के तहत कुशल श्रमिक के लिए न्यूनतम सैलरी पैकेज पहले की तुलना में लगभग 50 फीसदी ज्यादा है. कुशल श्रमिकों के लिए जारी होने वाले वीजा के लिए पहले न्यूनतम सैलरी पैकेज 26200 पाउंड सलाना थी, जिसे बढ़ाकर 38,700 पाउंड कर दी जाएगी. हालांकि, स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी इससे कम आय होने पर भी आवेदन कर सकते हैं.
इसके अलावा फैमिली वीजा के लिए भी न्यूनतम सैलरी पैकेज को बढ़ाकर 38,700 पाउंड सलाना कर दी गई है. नए नियमों के तहत ब्रिटिश सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि प्रवासी केवल उन आश्रितों को ही साथ लाए, जिन्हें वे आर्थिक रूप से सहायता कर सकें. वर्तमान में न्यूनतम सैलरी पैकेज 18600 पाउंड है.
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