
ब्रिटेन पढ़ने जाने वालों की बढ़ीं मुश्किलें, सुनक सरकार ने उठाया यह बड़ा कदम
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देश में प्रवासियों की संख्या को कम करने के लिए सुनक सरकार दबाव का सामना कर रही है. ब्रिटिश सरकार का लक्ष्य है कि साल 2024 में पिछले साल की तुलना में तीन लाख कम प्रवासी आए. इसी उद्देश्य के तहत सुनक सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है.
देश में बढ़ते प्रवासियों की संख्या पर लगाम लगाने के लिए ब्रिटेन ने कड़े वीजा नियम लागू कर दिए हैं. ब्रिटिश गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वीजा नियमों को सख्त करने का मुख्य उद्देश्य ब्रिटेन में प्रवेश पाने के लिए पिछले दरवाजे के रूप में स्टूडेंट वीजा के इस्तेमाल पर लगाम लगाना है. ऐसा अनुमान है कि इस वीजा नियम के लागू हो जाने के बाद ब्रिटेन जाने वाले लोगों की संख्या में प्रत्येक साल एक लाख 40 हजार की कमी आएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस वीजा नियम को पिछले साल मई में तत्कालीन गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने पेश किया था. नए नियमों के तहत ब्रिटेन में पढ़ाई करने जा रहे छात्र अपने साथ किसी आश्रित को नहीं ले जा सकेंगे. नए वीजा नियमों के तहत इसे अनुचित (unreasonable practice) करार दिया गया है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2019 के बाद से ब्रिटेन जाने वाले लोगों की संख्या में 930 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है.
भारतीय छात्रों पर क्या होगा असर?
नए वीजा नियम लागू हो जाने के कारण इस महीने से ब्रिटिश विश्वविद्यालय में शुरू हो रहे कोर्सेस करने जा रहे भारतीय छात्र भी परिवार के सदस्यों को नहीं ले जा सकेंगे. हालांकि, पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च कोर्सेस और गवर्नमेंट फंडेड स्कॉलरशिप वाले छात्रों को छूट मिलेगी.
ब्रिटिश गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है, "यह सरकार माइग्रेशन (प्रवासन) में कटौती करने के लिए ब्रिटिश जनता के प्रति प्रतिबद्ध है. प्रवासियों की संख्या में तेजी से कमी लाने के उद्देश्य के तहत हमारी सरकार ने बॉर्डर को कंट्रोल करने और इमीग्रेशन सिस्टम में हेरफेर करने से रोकने के लिए कड़े नियम बनाए हैं, जो साल भर में लागू हो जाएगी.
नए वीजा नियम इसी उद्देश्य का हिस्सा है. नए नियमों के तहत विदेशी छात्रों द्वारा अपने परिवार के सदस्यों को ब्रिटेन लाने की अनुचित प्रथा समाप्त हो गई है. इससे ब्रिटेन आने वाले लोगों की संख्या में तेजी से कमी आएगी."

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