ब्रिटेन ने पाकिस्तान जाने वाले नागरिकों के लिए जारी किया अलर्ट
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ब्रिटेन सरकार ने ट्रेवल एडवाइजरी जारी करते हुए अपने नागरिकों को कहा है कि पाकिस्तान में आतंकवादी हमले की प्रबल आशंका है. ऐसे में आतंकवादी विदेशी नागरिकों खासकर पश्चिमी लोगों को सीधे तौर पर निशाना बना सकते हैं. इसलिए यह सलाह दी जाती है कि ब्रिटिश नागरिक राजनीतिक या धार्मिक कार्यक्रम जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाके और सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने से बचें.
पाकिस्तान में आतंकवादी हमले की आशंका का हवाला देते हुए ब्रिटिश सरकार ने पाकिस्तान की यात्रा करने वाले अपने नागरिकों के लिए एक गाइडलाइन जारी की है. गाइडलाइन जारी करते हुए ब्रिटिश विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) ने कहा है कि इसकी प्रबल आशंका है कि आतंकवादी पाकिस्तान में हमला करने की फिराक में हैं.
ट्रेवल एडवाइजरी में एफसीडीओ ने यह भी कहा है कि इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर और कराची जैसे प्रमुख शहरों में आतंकवाद, अपहरण और सांप्रदायिक हिंसा का खतरा सबसे अधिक है. आतंकवादी विदेशियों, खासकर पश्चिमी लोगों को सीधे तौर पर निशाना बना सकते हैं. ऐसे में ब्रिटिश नागरिकों को वहां किसी भी राजनीतिक या धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने से बचने की कोशिश करनी चाहिए. साथ ही अपनी सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए.
एडवाइजरी में ब्रिटिश यात्रियों को खैबर-पख्तूनख्वा के चारसद्दा, कोहाट, डेरा इस्माइल खान और टैंक समेत कई अन्य क्षेत्रों और ब्लूचिस्तान के मर्दन रिंग-रोड से लेकर चित्राल जिले तक यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई है. पेशावर के NH45 पर भी यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई है.
उच्च जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में हमले की आशंका
ट्रेवल एडवाइजरी में पाकिस्तान में हो रही नियमित राजनीतिक रैलियों और विरोध प्रदर्शनों का भी उल्लेख किया गया है. ब्रिटिश सरकार का कहना है कि यह विरोध प्रदर्शन पश्चिम-विरोधी प्रदर्शन हो सकता है जिसमें हिंसा भी हो सकती है. ऐसे में यात्री राजनीतिक आयोजनों से बचें. लोकल खबरों से अपडेट रहें. स्थानीय अधिकारियों और अपनी टूर कंपनी की ओर से जारी किए गए निर्देशों का पालन करें. यदि आप विरोध प्रदर्शन की जगह के आस-पास हैं तो सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.
रिपोर्ट के मुताबिक, एडवाइजरी में कहा गया है कि बाजार, शॉपिंग मॉल, होटल, रेस्तरां, हवाई अड्डे, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, स्कूल और शैक्षणिक संस्थान जैसे उच्च जनसंख्या घनत्व और जोखिम वाले क्षेत्रों में हमले की आशंका है.
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