
बैंकों में लावारिस पड़े हैं हजारों करोड़, RBI के '100 डेज 100 पे' अभियान से होगा निपटारा
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 35,000 करोड़ रुपये के अनक्लेम्ड डिपॉजिट को निपटाने का निर्देश दिया था. अब रिजर्व बैंक ने प्लान तैयार कर लिया है. इसके लिए केंद्रीय बैंक विशेष अभियान चलाएगा.
देश के बैंकों में लावारिस पड़े हजारों करोड़ रुपये की जानकारी हासिल करने और उनके निपटारे के लिए रिजर्व बैंक (RBI) ने '100 दिन 100 पे' का अभियान का शुरू किया है. इसके तहत 100 दिनों के भीतर भारत के हर एक जिले में हर एक बैंक में जमा 100 अनक्लेम्ड डिपॉजिट (Unclaimed Deposits) रकम का पता लगाकर उनका निपटारा किया जाएगा. रिजर्व बैंक ने अपने इस अभियान के बारे में कहा है कि इस तरह से बैकिंग सिस्टम में जमा लावारिस रकम की मात्रा को कम किया जा सकेगा और डिपॉजिट को उनके सही मालिकों और दावेदारों तक पहुंचाया जा सकेगा.
कितना है अनक्लेम्ड डिपॉजिट?
बता दें कि अनक्लेम्ड डिपॉजिट उन्हें कहा जाता है, जिसे 10 साल या उससे भी अधिक समय से किसी तरह का ट्रांजेक्शन नहीं किया गया हो. बैंकिंग सिस्टम में इसे इनएक्टिव डिपॉजिट माना जाता है. पब्लिक सेक्टर के बैंकों (PSB's) ने फरवरी, 2023 तक बिना दावे वाली करीब 35,000 करोड़ रुपये की राशि रिजर्व बैंक को ट्रांसफर की थी. यह राशि उन खातों में जमा थी जिनमें 10 साल या उससे अधिक समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ. ये रकम अलग अलग बैंकों के 10.24 करोड़ खातों से संबंधित थी.
रिजर्व बैंक को बताते हैं बैंक
बिना दावे वाली इस रकम को लेकर जो प्रक्रिया है, उसके तहत जिन अकाउंट में जमा राशि का कोई दावेदार नहीं होता, तो बैंकों की ओर से आरबीआई को इसकी जानकारी दी जाती है. इसके बाद ये अनक्लेम्ड डिपॉजिट डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में ट्रांसफर कर दिया जाता है. इस तरह के डिपॉजिट्स को लेकर RBI अवेयरनेस कैंपेन चलाता रहता है, जिससे इसके कानूनी हकदारों का पता लगाया जा सके.
क्यों बढ़ते हैं अनक्लेम्ड डिपॉजिट?

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