'बेंगलुरु में मिले दर्द को मुस्कुराहट में छिपा रहे', सुशील मोदी का नीतीश कुमार पर तंज
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सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संयोजक नहीं बनाए जाने की नाराजगी और मंच का अंग्रेजी नाम रखने से अपनी असहमति को छिपाने के लिए नीतीश कुमार इधर-उधर की बात कर रहे हैं. भाजपा ने नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद कर दिए हैं इसलिए बेंगलुरु में मिले दर्द को झुठलाने के लिए उन्हें ज्यादा मुस्कुराना पड़ रहा है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि वह बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक से इसलिए जल्दी लौट आए क्योंकि वह नए गठबंधन का संयोजक नहीं बनाए जाने से नाराज थे.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बेंगलुरु का दर्द छिपाने के लिए ज्यादा मुस्कुराने लगे हैं. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु बैठक में विपक्षी एकता के सूत्रधार नीतीश कुमार को 'इंडिया' नाम से बने नए मंच का संयोजक बनाने की चर्चा तक नहीं हुई और इतना अपमान हुआ कि उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस में रहना भारी लगा. अगर उन्हें अब मुंबई बैठक में संयोजक बनाया भी जाए तो उन्हें यह पद स्वीकार नहीं करना चाहिए.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संयोजक नहीं बनाए जाने की नाराजगी और मंच का अंग्रेजी नाम रखने से अपनी असहमति को छिपाने के लिए नीतीश कुमार इधर-उधर की बात कर रहे हैं. भाजपा ने नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद कर दिए हैं इसलिए बेंगलुरु में मिले दर्द को झुठलाने के लिए उन्हें ज्यादा मुस्कुराना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कोई सेवा विमान से नहीं गए थे कि उनकी फ्लाइट छूट रही थी इसलिए पहले निकल लिए. वे तो चार्टर्ड प्लेन से गए थे, फिर जल्दी क्या थी? जो व्यक्ति दिन में तीन बार मीडिया से बात करता हो, उसने बेंगलुरु में और फिर पटना लौटने पर प्रेस से परहेज क्यों किया? यह सब नाराजगी प्रकट कर सौदेबाजी करने का नीतीश कुमार का पुराना अंदाज है.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने नीतीश कुमार और शरद पवार को किनारे कर बेंगलुरु बैठक को पूरी तरह हाईजैक कर लिया है. विपक्ष के फर्जी 'इंडिया' में ऑल इज नॉट वेल.
बता दें कि विपक्षी दलों ने 2024 के चुनाव में एनडीए का मुकाबला करने के लिए I.N.D.I.A. नाम से नए गठबंधन का ऐलान किया है. I.N.D.I.A. यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस. एनडीए में जहां 38 दल हैं तो वहीं विपक्षी गठबंधन में अभी 26 पार्टियां ही शामिल हैं. बेंगलुरु में विपक्षी दलों की इस बैठक में ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, उद्धव ठाकरे जैसे कई कद्दावर विपक्षी नेता शामिल हुए. लेकिन नीतीश कुमार जल्द ही बैठक से चले गए थे, जिसे लेकर कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए थे.
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