
'बीजेपी ने उनके जैसे गद्दारों को घर बैठा दिया', अमित शाह का उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला
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अमित शाह ने जोर देकर कहा कि चुनाव परिणामों ने उद्धव ठाकरे को उनकी जगह दिखा दी है, और यह सुनिश्चित किया है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में असली शिवसेना विजयी हो. इसके साथ ही अमित शाह ने एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार पर भी निशाना साधा और उन पर 1978 से ही महाराष्ट्र में विश्वासघात की राजनीति शुरू करने का आरोप लगाया.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिरडी में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला किया. अमित शाह ने उद्धव पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने उनके जैसे गद्दारों को घर बैठा दिया है.
उन्होंने विपक्ष के साथ गठबंधन करने के लिए उद्धव ठाकरे की आलोचना की. साथ ही कहा कि उनकी "वंशवाद और विश्वासघात" की राजनीति को 2024 के विधानसभा चुनावों में महाराष्ट्र की जनता ने निर्णायक रूप से खारिज कर दिया है.
अमित शाह ने जोर देकर कहा कि चुनाव परिणामों ने उद्धव ठाकरे को उनकी जगह दिखा दी है, और यह सुनिश्चित किया है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में असली शिवसेना विजयी हो. इसके साथ ही अमित शाह ने एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार पर भी निशाना साधा और उन पर 1978 से ही महाराष्ट्र में विश्वासघात की राजनीति शुरू करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि लोगों ने 2024 के चुनावों में शरद पवार की विरासत को 20 फीट नीचे दफना दिया है.
शिरडी में अमित शाह ने कहा कि शरद पवार ने 1978 में महाराष्ट्र में जो राजनीति शुरू की थी, उसे 2024 (चुनाव) में लोगों ने नकार दिया. इसी तरह वंशवाद की राजनीति और उद्धव ठाकरे के विश्वासघात को भी नकार दिया गया. उन्होंने कहा कि लोगों ने 2024 के चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे को उनकी जगह दिखा दी. उन दोनों को घर भेज दिया और भाजपा के साथ असली शिवसेना और एनसीपी को विजयी बनाया.
भाजपा कार्यकर्ताओं को राज्य में पार्टी की भारी जीत का असली सूत्रधार बताते हुए अमित शाह ने कहा कि आप पंचायत से संसद तक पार्टी की जीत के सूत्रधार हैं. आपको भाजपा को अजेय बनाना है, ताकि कोई फिर से उसे धोखा देने की हिम्मत न कर सके. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने और बड़ी संख्या में महिलाओं और किसानों को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा. उन्होंने कहा कि शरद पवार ने सीएम का पद संभाला था, कई सहकारी संस्थाओं का नेतृत्व किया था और केंद्रीय कृषि मंत्री भी रहे, लेकिन किसान आत्महत्याओं को नहीं रोक सके. उन्होंने कहा कि केवल भाजपा ही यह (किसानों की आत्महत्याओं को रोकना) कर सकती है.

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