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बीजेपी की 27 साल बाद वापसी या फिर से AAP सरकार? कल पता चलेगा दिल्ली के दिल में कौन
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एग्जिट पोल्स के आधार पर देखें तो दिल्ली में अगर बीजेपी की जीत हुई तो ये सिर्फ नरेंद्र मोदी की जीत कही जाएगी. एग्जिट पोल कहते हैं कि पीएम मोदी ने जो दिल्ली की सेवा करने का मौका जनता से मांगा, वो डेढ़ करोड़ वोटर दे सकते हैं और तब ये जीत किन मायनों में बड़ी है इसे समझिए... नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, ओडिशा जैसे 6 राज्यों में पहली बार बीजेपी का मुख्यमंत्री बनवा दिया. दिल्ली में बीजेपी के 27 साल के सूखे को खत्म करने के लिए तीन चुनाव लग गए.
देश की राजधानी दिल्ली पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं, सभी को इंतजार है शनिवार की सुबह का, वो सुबह जो तय करेगी कि दिल्ली में किसकी सरकार होगी. सुबह 8 बजे से मतगणना होनी है. उससे पहले एग्जिट पोल्स कहते हैं कि अबकी बार बीजेपी के लिए दिल्ली दूर नहीं तो क्या नया इतिहास बनेगा, क्योंकि पिछले 27 साल की राजनीति को देखें तो 1999, 2014, 2019, 2024 चार बार देश का लोकसभा चुनाव बीजेपी ने जीत लिया, लेकिन दिल्ली में एग्जिट पोल्स के मुताबिक पहली बार अब जीत बीजेपी को मिल सकती है. दिल्ली की सीमाओं से जुड़े राज्य देखें तो उत्तर प्रदेश में पिछले 27 साल में 3 बार बीजेपी सरकार बना चुकी है, जिसमें से मोदी राज के दौरान 2 बार सरकार यूपी में बन चुकी है. 27 साल के भीतर हरियाणा में बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बना चुकी है, लेकिन दिल्ली का दरवाजा अब पहली बार बीजेपी के लिए खुल सकता है. दिल्ली में लगातार 6 बार चुनाव हारने के बाद सातवीं बार के चुनाव में एग्जिट पोल कहते हैं कि बीजेपी की बड़ी जीत हो सकती है.
चुनाव में विरोधियों की जुबानी खुद को मिली गालियों की लिस्ट अरविंद केजरीवाल गिनाते रहे. लेकिन क्या एग्जिट पोल सही सााबित हुए तो अरविंद केजरीवाल की दिल्ली का बेटा बनकर वोट मांगती सियासत पर वोटर झाड़ू फेर सकते हैं?
ये भी पढ़ेः BJP और AAP के दफ्तर का माहौल टाइट, कांग्रेस ऑफिस पर पसरा सन्नाटा... चुनाव नतीजों से पहले दिल्ली में ऐसा नजारा दिल्ली में बीजेपी की सरकार और नरेंद्र मोदी को जोड़कर 32 साल के पहिए को अगर घुमाकर देखें तो साल 1993 में जब पहली बार दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनी थी, तब नरेंद्र मोदी पार्टी में कई यात्राओं की जिम्मेदारी निभाने के बाद युवा नेता के तौर पर अमेरिकन काउंसिल ऑफ यंग पॉलिटिकल लीडर्स के कार्यक्रम में पहली बार अमेरिका गए थे. 1998 में जब बीजेपी की विदाई दिल्ली की सत्ता से लंबे वक्त के लिए हो गई थी, तब 21वीं सदी शुरू होने से 2 साल पहले नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय महासचिव संगठन बनाया गया. और अब 2025 में एग्जिट पोल्स में अनुमान है कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार 27 साल बाद बन सकती है, तब नरेंद्र मोदी देश के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री हैं.
क्या कहते हैं एग्जिट पोल्स के आंकड़े?
एग्जिट पोल्स के आधार पर देखें तो दिल्ली में अगर बीजेपी की जीत हुई तो ये सिर्फ नरेंद्र मोदी की जीत कही जाएगी. एग्जिट पोल कहते हैं कि पीएम मोदी ने जो दिल्ली की सेवा करने का मौका जनता से मांगा, वो डेढ़ करोड़ वोटर दे सकते हैं और तब ये जीत किन मायनों में बड़ी है इसे समझिए... नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, ओडिशा जैसे 6 राज्यों में पहली बार बीजेपी का मुख्यमंत्री बनवा दिया. दिल्ली में बीजेपी के 27 साल के सूखे को खत्म करने के लिए तीन चुनाव लग गए. सत्ता में रहते राज्यों में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के मामले में बीजेपी अब तक की सबसे बड़ी पार्टी है. जहां बीजेपी की सफलता दर 61% है, लेकिन दिल्ली में एग्जिट पोल के मुताबिक अनुमान है कि अब ढाई दशक बाद बीजेपी को जीत मिल सकती है.
पीएम मोदी की गारंटी पर ही जनता को भरोसा?
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1993 में बीजेपी ने उनचास सीटें जीती थीं, लेकिन अबकी बार 51 सीटों की उम्मीद की जा रही है. आम आदमी पार्टी के वोट शेयर में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. 10 फीसदी तक वोट घट सकते हैं. और CONGRESS तीन से पांच फीसदी तक वोट काट सकती है. अब इन सब के बीच सवाल यही है कि क्या दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की सरकार बनेगी? क्या एग्जिट पोल के मुताबिक दिल्ली में बीजेपी, आम-आदमी-पार्टी से दोगुनी से ज्यादा सीटें ला सकती है? क्या राहुल-प्रियंका की कोशिश के बावजूद, लगातार तीसरी बार congress का खाता नहीं खुलने वाला है? एग्जिट पोल्स में बीजेपी की सरकार के दावों के बीच आम आदमी पार्टी, नतीजों से पहले operation lotus का आरोप क्यों लगाने लगी?
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अब धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अनुब्रत मंडल के खिलाफ 25.86 करोड़ रुपये के बैंक खाते को अस्थायी रूप से जब्त करने का आदेश जारी किया गया है. ईडी ने एक बयान में कहा कि ये पैसे 36 बैंक खातों में रखे गए हैं.
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