बिहार में चिराग की पार्टी को मिली 5 सीटें, चाचा पशुपति का पत्ता कटा, अब छोड़ सकते हैं मंत्रीपद
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बिहार में एनडीए ने सीटों के बंटवारे का ऐलान कर दिया है. बीजेपी के खाते में सबसे अधिक 17 सीटें आई हैं. लोजपा प्रमुख पशुपति पारस को गठबंधन को कोई तवज्जों नहीं मिली और उन्हें एक भी सीट नहीं दी गई है. अब पशुपति पारस खफा बताए जा रहे हैं और जल्द ही वह मोदी कैबिनेट से इस्तीफा भी दे सकते हैं.
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीटों के बंटवारे का ऐलान हो गया है. बंटवारे के तहत, बीजेपी एक बार फिर बड़े भाई की भूमिका निभाएगी और 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं जेडीयू के खाते में 16 सीटें आई हैं. अन्य सहयोगी दलों की बात करें तो चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5, जीतनराम मांझी की पार्टी HAM को 1 तथा उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल को एक सीट मिली है.
गौर करने वाली बात ये है कि एनडीए के सहयोगी लोजपा प्रमुख पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं मिली है जो इस समय मोदी सरकार में खाद्य और प्रसंस्करण मंत्री हैं.
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि एनडीए में गठबंधन में सीट में ना मिलने से पशुपति पारस मोदी कैबिनेट से जल्दी ही इस्तीफ़ा देंगे. कहा जा रहा है कि सीट शेयरिंग में चिराग़ पासवान की एलजेपी (रामविलास) को 5 लोकसभा मिलने से पशुपति नाराज हैं. पशुपति पारस इस बात भी नाराज हैं कि सीट शेयरिंग की घोषणा से पहलें उनसे बात नहीं की गई.
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पशुपति पारस को लग गई थी भनक
दरअसल पशुपति पारस भतीजे चिराग को बीजेपी से मिल रही तवज्जो से लगातार असहज महसूस कर रहे थे. कुछ दिन पहले उन्हें इस बात की भनक लग गई थी कि उनकी पार्टी को एनडीए में एक भी सीट नहीं मिलने जा रही है. इसके बाद पशुपति कुमार पारस पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई. बैठक के बाद उन्होंने कहा, 'हम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह करते हैं कि हमारे पांचों सांसदों पर विचार करें. हम सूची का इंतजार करेंगे.'
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