बासमती चावल पर भिड़े भारत-पाकिस्तान में इसका सही दावेदार कौन?
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पिछले कुछ वर्षों से भारत और पाकिस्तान यूरोपीय संघ में बासमती चावल के टाइटल के मालिकाना हक को लेकर आमने-सामने हैं. पाकिस्तान ने अपने बासमती निर्यात का विस्तार यूरोपीय ब्लॉक तक किया है क्योंकि भारत को यूरोपीय संघ के कड़े कीटनाशक मानकों को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
बासमती चावल संयुक्त रूप से भारत और पाकिस्तान की विरासत है जिसे संस्कृत में 'सुंगध' कहा जाता है. हिमालय की तलहटी में उपजाऊ नदी घाटियों में सहस्राब्दियों से इसे उगाया जा रहा है. यह अपनी पौष्टिक, सुगंध, स्वाद और बनावट के लिए पसंद किया जाता है. भारतीय रसोई के साथ यह दुनिया भर में पसंद किया जाता है. मध्य पूर्व और ईरान में भी बासमती चावल की काफी मांग है. इस चावल का उपयोग घर की रसोई से लेकर पेशेवर रसोइये तक करते हैं. शादियों में पकने वाली स्पेशल बिरयानी से लेकर दाल के साथ साधारण उबले हुए चावल तक हर चीज के लिए बासमती का इस्तेमाल किया जाता है. (फोटो-Getty Images) दिल्ली के एग्जिक्यूटिव शेफ आशीष भसीन साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहते हैं 'लंबे, अच्छी गुणवत्ता वाले बासमती चावल न केवल बिरयानी को स्वादिष्ट बनाते हैं बल्कि कढ़ी चावल, राजमा चावल और छोले जैसे व्यंजनों को भी अनूठा बनाते हैं. एक शेफ के रूप में मैं हमेशा बाजार से बेहतर किस्म के बासमती चावल लेने की कोशिश करता हूं. (फोटो-Getty Images)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया. इस सम्मान का आयोजन गुयाना में आयोजित भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद इसे भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया है. देखें...
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के लॉस एंजलेस शहर में यूएस इमिग्रेशन डिपार्टमेंट एक शख्स के ट्रैवल डॉक्यूमेंट चेक कर रहा था. उसके पास भारतीय पासपोर्ट था. पासपोर्ट पर उसका नाम भानू लिखा हुआ था. बाद में खुलासा हुआ कि भानू कोई और नहीं बल्कि लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और दस लाख रुपये का इनामी आतंकवादी अनमोल बिश्नोई है.