![बचपन में अपनी आंखों से देखा था मां-बाप का कत्ल... फिर पांच लोगों की हत्या कर लिया बदला, दहला देगी ये कहानी](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202502/67a9e65588dd0-vishal-gupta-vikki-1043128-16x9.jpg)
बचपन में अपनी आंखों से देखा था मां-बाप का कत्ल... फिर पांच लोगों की हत्या कर लिया बदला, दहला देगी ये कहानी
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जब पुलिस ने इस सामूहिक हत्याकांड की जांच शुरु की तो 34 साल पुरानी कहानी का खुलासा हुआ. जिससे पता चला कि 34 साल पहले राजेंद्र गुप्ता ने अपने छोटे भाई और उनकी पत्नी को ठीक इसी तरह सिर में गोली मारी थी. इसके बाद राजेंद्र गुप्ता ने अपने पिता की भी गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी.
अक्सर ये सवाल पूछा जाता है या खुद से लोग ये सवाल पूछते हैं कि कत्ल करने से पहले, कत्ल करते वक्त या कत्ल करने के बाद एक कातिल के दिमाग मे क्या चल रहा होता है? वो क्या सोचता है? उसे क्या महसूस होता है? इसी सवाल पर दुनिया भर में ना जाने कितनी स्टडी हुई? और जो जवाब मिले वो हैरान करने वाले हैं. ये कहानी है एक ऐसे कातिल की, जिसने एक नहीं दो नहीं बल्कि पांच-पांच कत्ल किए.
5 नवंबर 2024 यही वो दिन था, जब वाराणसी में एक घर से चार लाशें मिली थी. मां, दो बेटे और उनकी एक बेटी की लाश. उस घर से कुछ दूरी पर घर के मुखिया राजेंद्र गुप्ता की लाश मिली थी. कॉमन बात ये थी कि मरने वाले सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य थे और पांचो को सिर में गोली मारी गई थी. इस खबर को जानकर लोग हैरान रह गए थे. लोग इस बात का अफसोस भी मना रहे थे कि कैसे एक हंसता खेलता परिवार अचानक खत्म हो गया.
34 साल पुरानी कहानी का खुलासा जब पुलिस ने इस सामूहिक हत्याकांड की जांच शुरु की तो 34 साल पुरानी कहानी का खुलासा हुआ. जिससे पता चला कि 34 साल पहले राजेंद्र गुप्ता ने अपने छोटे भाई और उनकी पत्नी को ठीक इसी तरह सिर में गोली मारी थी. इसके बाद राजेंद्र गुप्ता ने अपने पिता की भी गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी. जिस छोटे भाई की राजेंद्र गुप्ता ने हत्या की थी. उसी छोटे भाई के तीन बच्चे थे. दो भाई और एक बहन. इन तीनों को राजेंद्र ने अपने ही घर में पाला था. वो तीनों बच्चों को हमेशा मारता पीटता था. मगर धीरे धीरे वक्त बीतता गया और वो तीनों बच्चे बड़े हो गए.
अपनी आंखों से देखे थे तीन कत्ल उनमें से बहन की शादी हो गई और दोनों भाई काम के लिए दिल्ली चले गए. आईटी कंपनी में नौकरी करने लगे. इन्हीं में से एक भाई था विशाल गुप्ता उर्फ विक्की गुप्ता. जब विक्की गुप्ता के मां-बाप और उसके दादा का कत्ल हुआ था, तब उसने वो तीनों कत्ल अपनी आंखों से देखे थे. विशाल वो मंजर कभी भुला नहीं पाया था. और फिर आखिरकार पिछले साल दिवाली के मौके पर विशाल उर्फ विक्की अपने घर आया. और इसी दौरान उसने 34 साल पुराना बदला लेने के लिए राजेंद्र गुप्ता और उनके परिवार के चार लोगों को गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया.
पांच कत्ल करने के बाद अब पकड़ा गया विशाल विशाल ने उन पांचों को ठीक उसी जगह सिर में गोली मारी, जिस जगह राजेंद्र गुप्ता ने उसके मां-बाप और दादा को गोली मारी थी. इसके बाद विक्की गायब हो गया था. पूरे तीन महीने तक वो अलग-अलग शहरों में छुपता रहा. लेकिन तीन महीने बाद अब जाकर वो पकड़ा गया. और इसी गिरफ्तारी के बाद उसने अपनी जिंदगी के तीन हिस्सों की कहानी सुनाई. जिसका अंजाम 5 कत्ल पर जाकर पूरा हुआ.
सात साल की उम्र में खो दिए थे मां-पिता इस वारदात के बाद विशाल उर्फ विक्की की जिंदगी के तीनों हिस्सों की कहानी सामने आ गई. इस दौरान उसका चेहरा और हाव भाव सामान्य थे. विशाल गुप्ता उर्फ विक्की बेहद पढ़ा लिखा है और एक आईटी कंपनी में नौकरी करता है. उसकी पूरी जिंदगी तीन हिस्सों में कैसे बंटी हुई है, ये भी आपको बता देता हूं. पहला हिस्सा उसके बचपन का है. जब वो सिर्फ 7 साल का था. तब उसने अपने मां-बाप और दादा का कत्ल होते देखा था.
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