फॉर्मूला ई-रेस केस: KTR को तेलंगाना हाईकोर्ट से झटका, FIR रद्द करने से इनकार किया
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हाई कोर्ट के जज जस्टिस के. लक्ष्मण ने अपने आदेश में कहा कि आरोपों से संकेत मिलता है कि रामा राव ने राज्य मंत्रिमंडल या वित्त विभाग से किसी भी अप्रूवल के बिना एचएमडीए (हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण) को एक विदेशी कंपनी को भारी मात्रा में धनराशि का भुगतान करने का निर्देश दिया. आदेश में कहा गया है, 'क्या याचिकाकर्ता ने खुद को या तीसरे पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए बेईमानी से भुगतान का निर्देश दिया था, इसकी जांच की जानी चाहिए.'
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव को तेलंगाना हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने मंगलवार को फॉर्मूला ई रेस केस में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया और उन्हें गिरफ्तारी से मिली सुरक्षा हटा दी.
31 दिसंबर, 2024 को, हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज मामले में राज्य सरकार और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद पूर्व मंत्री द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. एसीबी द्वारा दर्ज मामले में आरोप लगाया गया था कि रामा राव ने बिना आवश्यक मंजूरी के फॉर्मूला ई संगठन को 55 करोड़ रुपये का भुगतान मंजूर किया, जिसमें से ज्यादा पेमेंट फॉरेन करेंसी में था.
'खुद को या किसी तीसरे पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया भुगतान?'
हाई कोर्ट के जज जस्टिस के. लक्ष्मण ने अपने आदेश में कहा कि आरोपों से संकेत मिलता है कि रामा राव ने राज्य मंत्रिमंडल या वित्त विभाग से किसी भी अप्रूवल के बिना एचएमडीए (हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण) को एक विदेशी कंपनी को भारी मात्रा में धनराशि का भुगतान करने का निर्देश दिया.
आदेश में कहा गया है, 'क्या याचिकाकर्ता ने खुद को या तीसरे पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए बेईमानी से भुगतान का निर्देश दिया था, इसकी जांच की जानी चाहिए. आरोपों को एक साथ पढ़ने पर प्रथम दृष्टया एचएमडीए के धन के दुरुपयोग और गलत काम का मामला बनता है.'
'जांच एजेंसी को सबूत इकट्ठा करने का अवसर मिलना चाहिए'
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