फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल बेचने से पहले भारत ने रूस से ली सहमति? राजदूत ने दिया जवाब
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भारत ने फिलीपींस से बड़ा रक्षा सौदा किया है. भारत फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल देने जा रहा है. ब्रह्मोस को रूसी तकनीक की मदद से भारत ने विकसित किया है. बताया जा रहा है कि इस रक्षा सौदे से होने वाले लाभ में रूस का भी कुछ हिस्सा होगा.
भारत रूस के सहयोग से विकसित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल फिलीपींस को बेच रहा है. ब्रह्मोस को 50% रूसी तकनीक के साथ विकसित किया गया है, ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि क्या भारत रूस से पूछकर फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल दे रहा है? रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत-फिलीपींस के इस रक्षा सौदे पर फिलीपींस में भारतीय राजदूत शंभू कुमारन ने प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा है कि भले ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत और रूस ने मिलकर बनाया है लेकिन ये सौदा भारत और फिलीपींस के बीच का ही है. फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस समझौता द्विपक्षीय आधार पर ही आगे बढ़ेगा.
भारतीय राजदूत ने ये बातें अनंत केंद्र द्वारा आयोजित 'The Philippines: India’s new Indo-Pacific partner' पर आयोजित एक वेबिनार में कहा. उन्होंने कहा कि फिलीपींस के रक्षा सचिव डेल्फिन लोरेंजाना ने ब्रह्मोस पर विश्वास जताया है और कहा है कि भारत व्यापक रूप से इसका इस्तेमाल करता है.
ब्रह्मोस को भारत ने रूसी तकनीक की मदद से विकसित किया है. मिसाइल की 50% तकनीक रूसी है. भारत अब इस मिसाइल को दूसरे देशों को भी बेच रहा है जिसे लेकर सवाल उठ रहे थे कि कि क्या भारत ने फिलीपींस से समझौते से पहले रूस को भी जानकारी दी होगी?
भारत के रक्षा विशेषज्ञ राहुल बेदी ने बीबीसी से बातचीत में कहा था कि भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस सौदा करने से पहले रूस से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट को लेकर बातचीत की होगी. उन्होंने कहा, 'इस सौदे में रूस का भी योगदान रहा होगा और उसे रक्षा सौदे से होने वाले लाभ का हिस्सा भी मिला होगा.'
'ब्रह्मोस सौदा शीर्ष स्तर पर लिया गया राजनीतिक फैसला'
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