प्रयागराज में सड़कों से लेकर गलियां तक सब फुल... कल मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद
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महाकुंभ में डुबकी लगाकर आत्मा की शुद्धि के लिए देश ही नहीं विदेशों से लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं. संगम नगरी प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में भक्ति की शक्ति देखकर दुनिया हैरान है. चकित है कि आखिर भारत में ये क्या हो रहा है? महाकुंभ में मौनी अमावस्या से एक दिन पहले ही लोगों का हुजूम जुट गया.
प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में इस वक्त आस्था की सुनामी चल रही है. हर कोई प्रयागराज आना चाहता है. लेकिन पूरे महाकुंभ में पैर रखने की जगह नहीं है. 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक करीब 15 करोड़ लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं. लेकिन ये तो अभी शुरुआत है क्योंकि बुधवार को मौनी अमावस्या पर ही 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. महाकुंभ में डुबकी लगाकर आत्मा की शुद्धि के लिए देश ही नहीं विदेशों से लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं.
संगम नगरी प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में भक्ति की शक्ति देखकर दुनिया हैरान है. चकित है कि आखिर भारत में ये क्या हो रहा है? महाकुंभ में मौनी अमावस्या से एक दिन पहले ही लोगों का हुजूम जुट गया. हर तरफ लोग ही लोग दिखाई दे रहे हैं. प्रयागराज की सड़कों से लेकर गलियां तक फुल हैं. रेलवे स्टेशन हो या फिर बस स्टैंड, कहीं पर भी पैर रखने तक की जगह नहीं है.
महाकुंभ नगर ने बना डाला रिकॉर्ड
दरअसल, संगम में स्नान करने के लिए देश दुनिया से लोग पहुंच रहे हैं. मौनी अमावस्या को लेकर श्रद्धालुओं में जोश कुछ ऐसा है कि वो हर तकलीफ उठाने को तैयार हैं. मौनी अमावस्या पर स्नान करने के जुनून की वजह से महाकुंभ नगर एक बार फिर विश्व का सबसे बड़ा जिला बन गया है. प्रयागराज की आबादी 5 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है. मंगलवार शाम छह बजे तक 4.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान कर एक नया रिकॉर्ड बना डाला. इसमें अगर जिले की आबादी करीब 70 लाख जोड़ ली जाए, तो प्रयागराज में एक दिन की संख्या 5.34 करोड़ रिकॉर्ड की गई.
ऐसे में आबादी के लिहाज से विश्व के सबसे बड़े शहर टोक्यो को भी प्रयागराज ने पीछे छोड़ दिया, जिसकी आबादी 3.74 करोड़ है. प्रयागराज में इस वक्त दिल्ली की 2.93 करोड़ की आबादी से कहीं ज्यादा लोग मौजूद हैं. इस रिकॉर्ड की सबसे बड़ी वजह मौनी अमावस्या को लेकर उत्साह है, जिसकी वजह से इससे एक दिन पहले मंगलवार को ही सिर्फ 2 घंटों में 70 लाख लोगों ने संगम में डुबकी लगा ली.
कई किलोमीटर चलकर स्नान करने पहुंच रहे लोग
कुंभ हो, अर्द्धकुंभ हो, पूर्ण कुंभ हो या महाकुंभ हो, इन सबमें सबसे बड़ा अमृत स्नान मौनी अमावस्या का होता है. इस स्नान को मोक्ष की प्राप्ति के लिए जरूरी माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन प्रयागराज की त्रिवेणी में अमृत बहता है, जिसकी वजह से ज्यादातर लोग 'गंगा' नदी या यमुना नदी में स्नान करने के बजाय संगम की नोज़ में स्नान करने का संकल्प लेते हैं.
परिवहन विभाग ने बताया, 'आधिकारिक रिकॉर्ड में यह पाया गया है कि गाड़ी मेजर अनुभव शिवपुरी के नाम पर रजिस्टर्ड है, जो 3 साल पहले आर्मी डेंटल कॉलेज, पठानकोट में तैनात थे और खड़की, महाराष्ट्र के स्थायी निवासी हैं. इसके अलावा, रजिस्ट्रेशन नंबर पीबी 35 एई 1342 पर रजिस्टर्ड गाड़ी 2018 मॉडल की फोर्ड इको स्पोर्ट है, लेकिन पुलिस द्वारा पकड़ी गई गाड़ी हुंडई क्रेटा है.'
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