
पुतिन ने लिया ये बड़ा फैसला, पूरी दुनिया में बढ़ेगी भूख की आग
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रूस के क्रीमिया ब्रिज पर अक्टूबर 2022 में हमला किया गया था. इस हमले को लेकर अब रूस ने यूक्रेन को जिम्मेदार बताया. लेकिन यूक्रेन ने इसमें अपनी संलिप्तता से प्रत्यक्ष रूप से इनकार कर दिया था. अब रूस ने कहा है कि ब्रिज पर यूक्रेन ने ही हमला किया था. इसी के साथ ही रूस काला सागर की अनाज डील से अलग हो गया है.
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को एक बड़ा झटका दिया है. रूस यूक्रेन को काला सागर से अनाज निर्यात की अनुमति देने वाले समझौते से बाहर हो गया है. रूस ने सोमवार को कहा है कि वो संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले काला सागर समझौते से हट रहा है क्योंकि उसकी शर्तों को पूरा नहीं किया गया है. यह समझौता इसलिए भी बेहद अहम था क्योंकि इसके कारण वैश्विक खाद्य की कीमतों को 20 प्रतिशत तक कम रखने में मदद मिली थी. रूस और यूक्रेन बड़े स्तर पर गेहूं निर्यात करते हैं.
रूस ने इस घोषणा से कुछ घंटे पहले ही कहा था कि क्रीमिया के उसके पुल पर हमला यूक्रेन ने किया था. क्रीमिया के 19 किलोमीटर लंबे पुल पर हमला अक्टूबर 2022 में हमला हुआ था. काला सागर और अजोव सागर को जोड़ने वाला क्रीमिया का पुल रूस के लिए आर्थिक रूप से बेहद अहम है.
क्रीमिया ब्रिज पर हमले से यूक्रेनी सेना ने इनकार किया था. उसका कहना था कि यह हमला रूस ने खुद ही किया होगा. हालांकि, कुछ महीनों बाद यूक्रेन ने क्रीमिया ब्रिज पर हमले की बात अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार ली थी. लेकिन अब यूक्रेन की मीडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि इसके पीछे यूक्रेन की सुरक्षा सेवा थी.
क्रीमिया ब्रिज पर हमला और अनाज समझौता पर रोक लगाने में हैं कोई कनेक्शन?
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अब रूस का कहना है कि पुल पर हमला यूक्रेन ने किया था जिसमें दो लोग मारे गए थे. रूस ने इस घटना को आतंकवादी कृत्य करार दिया है.
कहा जा रहा है कि इसे लेकर ही रूस ने यूक्रेन के साथ अपने अनाज समझौते पर रोक लगा दी है लेकिन रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन की तरफ से कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र और तुर्की की मध्यस्थता में हुए काला सागर अनाज समझौते से रूस के अलग होने का इससे कुछ लेना-देना नहीं है.

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