पुणे में एक्सीडेंट बेटे ने किया, गिरफ्तारी पिता की... नाबालिग को गाड़ी देना कितना खतरनाक? जानें क्या है कानून
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पुणे में नशे की हालत में पोर्श कार से टक्कर मारकर दो लोगों की जान लेने वाले नाबालिग आरोपी के पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने पिता पर कई आरोप लगाए हैं. ऐसे में जानते हैं कि आखिर बेटे की गलती पर पुलिस ने उसके पिता को गिरफ्तार क्यों किया?
पुणे में पोर्श कार से दो लोगों को रौंदने वाले नाबालिग आरोपी के पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये घटना 18 मई को हुई थी. पुलिस के मुताबिक, नाबालिग आरोपी घटना के वक्त कथित तौर पर नशे की हालत में था. नशे में उसने अपनी पोर्श कार से बाइक सवार अनीष अवधिया और अश्विनी कोस्टा को टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौत हो गई.
इस घटना में मारे गए अनीष अवधिया और अश्विनी कोस्टा, दोनों ही 24 साल के थे और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे. दोनों ही पुणे में एक आईटी कंपनी में जॉब करते थे.
ये घटना पुणे के कल्याणी नगर में हुई थी. पुलिस ने 17 साल के नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार किया था. लेकिन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने कुछ शर्तों के साथ उसे जमानत दे दी थी. जमानत की शर्तों में 300 शब्दों का एक निबंध लिखने की शर्त भी शामिल थी. इसके बाद जब गुस्सा फूटा तो पुलिस हरकत में आई और आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया.
बेटे की गलती पर पिता कैसे फंस गए?
आरोपी लड़के पिता विशाल अग्रवाल एक रियल एस्टेट कारोबारी हैं. पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि मंगलवार को लड़के के पिता को छत्रपति संभाजीनगर से गिरफ्तार किया गया था और बुधवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.
पुलिस ने इस मामले पिता के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 और 77 के तहत केस दर्ज किया था. इस कानून की धारा 75 बच्चों के प्रति क्रूरता, जबकि धारा 77 बच्चों को नशीले पदार्थों की आपूर्ति करने से जुड़ी है.
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