
पुडुचेरी से भी कम आबादी, कोई टैक्स नहीं... 1.3 करोड़ खर्च कर ललित मोदी ने इस छोटे से देश की नागरिकता क्यों ली?
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आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी ने वानुआतु की नागरिकता ले ली की है, जिससे उन्होंने भारत की नागरिकता छोड़ने का फैसला किया है. वानुआतु की गोल्डन पासपोर्ट स्कीम के तहत अब ललित मोदी 120 देशों में वीजा फ्री यात्रा कर सकते हैं. यह नागरिकता उन्हें टैक्स से भी राहत देती है. इस कदम से उनके कानूनी मामलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और उनके खिलाफ चले रहे मामले जारी रहेंगे.
आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष और भारत के भगोड़े ललित मोदी एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार वह अपने रिलेशनशिप को लेकर नहीं, बल्कि अपनी नागरिकता को लेकर खबरों में बने हुए हैं. उन्होंने ओशियनियाई देश वानुआतु की नागरिकता ले ली है. भारत की अपनी नागरिकता छोड़ने के लिए लंदन स्थित भारतीय हाई कमिशन में उन्होंने एक एप्लिकेशन दिया है. आइए आपको बताते हैं उस देश वानुआतु की खासियत, जहां कि ललित मोदी ने नागरिकता ली है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि ललित मोदी ने हाई कमिशन में अपना पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए अप्लाई किया है. उन्होंने कहा, "ललित मोदी ने अपना भारतीय पासपोर्ट जमा करने के लिए एक एप्लिकेशन दिया है. इसकी नियमों के मुताबिक जांच होगी. हमें यह भी पता चला है कि उन्होंने वानुआतु की नागरिकता ले ली है. उनके खिलाफ चल रहे मामले कानून के मुताबिक जारी रहेंगे."
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ललित मोदी ने क्यों ली वानुआतु की नागरिकता?
वानुआतु की आबादी तीन लाख की है, और यहां गोल्डन पासपोर्ट स्कीम चलता है, जिससे अमीर लोग पैसे देकर आसानी से नागरिकता हासिल कर सकते हैं. इसकी कीमत 1.3 करोड़ रुपये है. दिलचस्प बात ये है कि इसमें ज्यादा डाक्यूमेंटेशन भी नहीं है, और इसे आनलाइन ही सबमिट किया जा सकता है. इस प्रोसेस में एक महीने से भी कम का समय लगता है, और देश में कदम रखने से पहले ही सबकुछ हो जाता है.
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