पीएम मोदी के फ्रांस दौरे से ठीक पहले EU ने दिया झटका
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर फ्रांस पहुंच गए हैं. इसी बीच फ्रांस के शहर स्ट्रासबर्ग स्थित यूरोपीय संसद ने एक प्रस्ताव पास किया है जिसमें मानवाधिकारों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की गई है. मणिपुर हिंसा को लेकर यूरोपीय संसद में सरकार को आड़े हाथों लिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर फ्रांस पहुंच चुके हैं. उनके फ्रांस में लैंड होने से कुछ घंटे पहले ही स्ट्रासबर्ग (फ्रांस) स्थित यूरोपीय संसद ने एक प्रस्ताव को पास किया है जिसमें मणिपुर हिंसा को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की गई है. प्रस्ताव में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया गया है.
बुधवार को जब यह प्रस्ताव यूरोपीय संसद में लाया गया तब भारत ने इसका विरोध किया था. भारत ने कहा था कि मणिपुर का मुद्दा उसका आंतरिक मसला है जिस पर यूरोपीय संसद में बहस नहीं होनी चाहिए. बावजूद इसके, यूरोपीय संसद में प्रस्ताव पर चर्चा हुई और अब उसे पास भी कर दिया गया है.
मणिपुर हिंसा पर ईयू के प्रस्ताव में क्या कहा गया है?
यूरोपीय यूनियन की संसद में छह संसदीय समूहों की तरफ से पेश किए गए प्रस्ताव में मणिपुर में दो महीने से चल रही हिंसा से निपटने के मोदी सरकार के तरीकों की आलोचना की गई है. प्रस्ताव में कहा गया है, 'हिंदू बहुसंख्यकवाद को बढ़ावा देने वाली राजनीति से प्रेरित, विभाजनकारी नीतियों और आतंकवादी समूहों की गतिविधि में बढ़ोतरी को लेकर हम चिंतित हैं.'
यूरोपीय संसद ने प्रस्ताव में भारतीय अधिकारियों से आग्रह किया है कि वो जातीय और धार्मिक हिंसा को तुरंत रोके और धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करे.
प्रस्ताव में कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति असहिष्णुता ने मणिपुर की हिंसा को भड़काया है. राजनीति से प्रेरित, विभाजन पैदा करने वाली नीतियों को लेकर हम चिंतित है जो हिंदू बहुसंख्यकवाद को बढ़ावा देती हैं.
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