पीएम नरेंद्र मोदी 7 दिनों से अपने विरोधियों के बीच बने हुए हैं 'दिल-जीत' | Opinion
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक बदले बदले नजर आ रहे हैं. पिछले सात दिनों में उन्होंने अपने विरोधियों में पैठ बनाने के जो जतन किए हैं वो देश में उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाने वाला साबित हो सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले सात दिनों से अपनी फैन फॉलोइंग को सरप्राइज दे रहे हैं. नए साल के पहले दिन पंजाबी पॉप सिंगर और बॉलीवुड के कलाकार दिलजीत दोसांझ को अपने घर बुलाकर न केवल उनसे बातचीत की बल्कि रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर भी शेयर किया. दोसांझ मोदी के धुर विरोधी रहे हैं. किसान आंदोलन के समय उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खोल रखा था.
इतना ही नहीं 25 दिसंबर को मोदी क्रिसमस के अवसर पर प्रभु यीशू की प्रार्थना करते नजर आते हैं तो 2 जनवरी को अजमेर वाले ख्वाजा के दरबार में चादर भी भेजने वाले हैं. गौरतलब है कि अभी हाल ही में ये दरगाह हिंदू संगठनों के निशाने पर था. हिंदू संगठनों का कहना है कि इस दरगाह के नीचे हिंदू मंदिर दफन है. कुछ दिनों पहले की बात है उन्होंने सैफ अली खान को घर बुलाकर उनके बच्चों का हाल चाल भी पूछा और ये भी बताया कि वे उनके पापा से भी मिल चुके हैं. जब कि मात्र 10 दिन पहले ही सैफ मोदी के विरोध में कुछ बोल चुके थे. मोदी के कट्टर समर्थक सैफ अली खान से इसलिए भी नाराज रहते हैं क्योंकि उन्होंने भारत पर क्रूरतम आक्रमण करने वाले तैमूर लंग के नाम अपने बेटे का नामकरण किया था.
जाहिर है पीएम नरेंद्र मोदी के बदलते व्यक्तित्व से उनके कुछ समर्थकों को निराश हो सकती है तो बहुत से समर्थकों में उनके प्रति श्रद्धा और विश्वास और बढ़ने का कारण भी बनेगा. क्योंकि पीएम के ये कदम उन्हें पूरे भारत का असली नेता बनाते हैं. हालांकि ये कोई पहली बार नहीं था जब वो चर्च में गए हों और ख्वाजा के लिए चादर भेजे हों. फिर भी आज देश का माहौल बदला हुआ है. ऐसे समय में आइये देखते हैं कि पीएम मोदी के इस जेस्चर के क्या मायने निकलते हैं.
1-क्या मोदी का तीसरा कार्यकाल विरोधियों के बीच पैठ बनाने के लिए जाना जाएगा
नरेंद्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं. वो पूरे देश के नेता हैं. उनकी नीतियों में किसी धर्म के प्रति कोई भेदभाव नहीं है. पर उनपर हिंदुओं के नेता होने का ठप्पा लग चुका है. वो लगातार सबका साथ-सबका विकास की बातें करते रहे हैं पर जब समर्थन की बात आती है तो मुस्लिम और ईसाई समुदाय से उन्हें वो सपोर्ट नहीं मिलता, जिसके लिए उन्हें उम्मीद होती है.
कहा जा रहा है कि जिस तरह पिछले दिनों सैफ अली और दिलजीत दोसांझ से मोदी ने मुलाकात की है, वो इसी रणनीति के तहत है कि विरोधियों के बीच भी बीजेपी अपनी पैठ बना सके. यह भी कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और इस तरह की हस्तियां पीएम आवास पहुंचेंगी. जाहिर है कि पीएम चाहते हैं कि उनके विरोधी भी उनकी तारीफ करने को बाध्य हो जाएं.
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