
पाकिस्तान में सियासी हलचल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'सरकार को मजबूर नहीं कर सकते'
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पंजाब प्रांत में चुनाव कराने को लेकर पाकिस्तान सरकार और इमरान खान की पीटीआई पार्टी के बीच गतिरोध चल रहा है. इसी बीच अदालत ने गुरुवार को सुनवाई की. चीफ जस्टिस ने कहा कि हम स्पष्ट कर दें कि हम सरकार पर विपक्ष से बातचीत करने के लिए उन्हें बाध्य नहीं कर सकते. इस दौरान कोर्ट ने सरकार की गंभीरता पर भी सवाल उठाए.
पड़ोसी देश पाकिस्तान चौतरफा समस्याओं से जूझ रहा है. आर्थिक दिक्कतों के भंवर में फंसने के बाद अब वहां राजनीतिक संकट भी चरम पर पहुंच गया है. पंजाब प्रांत में चुनाव कराए जाने को लेकर सरकार और विपक्ष की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद समस्या सुलझती नजर नहीं आ रही.
इस बीच पाकिस्तान के चीफ जस्टिस (सीजेपी) उमर अता बंदियाल ने दो टूक कह दिया है कि सरकार को विपक्ष के साथ बातचीत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट उन्हें मजबूर नहीं कर सकता.
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सीजेपी बंदियाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई की. लेकिन यह सुनवाई घंटेभर भी नहीं चल पाई.
सरकार ने बातचीत को लेकर क्या पहल की?
चीफ जस्टिस ने कहा कि हम स्पष्ट कर दें कि हम सरकार पर विपक्ष से बातचीत करने के लिए उन्हें बाध्य नहीं कर सकते. इस दौरान कोर्ट ने सरकार की गंभीरता पर भी सवाल उठाए.
जस्टिस बांदियाल ने कहा कि सरकार ने अपनी सद्भावना दिखाने के लिए क्या कदम उठाए हैं? ऐसा लगता है कि सरकार पास-पास खेल रही है. अगर सरकार बातचीत को लेकर गंभीर होती तो वह इसके लिए प्रयास भी करती.

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