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पाकिस्तान में फिर स्थापित की जाएगी महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा, भारतीय सिख भी रहेंगे मौजूद
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पाकिस्तान के पंजाब में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा फिर से स्थापित की जाएगी. यहां की कट्टर राजनीतिक पार्टी टीएलपी के कार्यकर्ताओं ने 2019 में स्थापित उनकी प्रतिमा पर दो बार हमला किया था और तोड़ दिया था. अब पंजाब सरकार का कहना है कि महाराजा की प्रतिमा की कड़ी निगरानी की जाएगी.
पाकिस्तान के पंजाब में महाराजा रणजीत सिंह की पुनर्स्थापित प्रतिमा फिर से स्थापित की जाएगी. पंजाब सरकार ने कहा कि बुधवार को करतारपुर साहिब में सिख साम्राज्य के पहले शासक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा स्थापित की जाएगी, ताकि भारत से आने वाले सिख समुदाय के लोग भी इसे देख सकें.
करतारपुर साहिब को गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है और यह भारतीय सीमा के करीब लाहौर से लगभग 150 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है. महाराजा रणजीत सिंह की 9 फुट की कांस्य प्रतिमा को पहली बार 2019 में उनकी समाधि के पास लाहौर किले में स्थापित की गई थी. हालांकि, पाकिस्तान में एक कट्टर राजनीतिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के कार्यकर्ताओं ने दो बार प्रतिमा को तोड़ा था.
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गुरुद्वारा दरबार साहिब में स्थापित की जाएगी प्रतिमा
पंजाब के पहले सिख मंत्री और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (पीएसजीपीसी) के अध्यक्ष सरदार रमेश सिंह अरोड़ा ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, "हम स्थानीय और भारतीय सिखों की मौजूदगी में बुधवार दोपहर को करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा स्थापित करने जा रहे हैं."
महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा की होगी कड़ी निगरानी
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रिपोर्ट के अनुसार सभी आरोपियों ने 2 फरवरी को इस्ताना (निषिद्ध क्षेत्र) की परिधि में बिना परमिट के सभा या जुलूस किया था. इसी केस में सिंगापुर की कोर्ट ने भारतीय मूल की कार्यकर्ता समेत तीन महिलाओं पर आरोप लगाया है. भारतीय मूल की अन्नामलाई एक जानी-मानी ह्यूमन एक्टिविस्ट हैं. जिन पर मोसामद, सिती अमीरा और अन्य को अपने साथ शामिल करके कथित अपराध को बढ़ावा देने का आरोप है.
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बोलिवियाई टेलीविजन पर बख्तरबंद वाहनों को राष्ट्रपति भवन के दरवाज़ों से टकराते हुए दिखाया गया, जबकि एक शीर्ष अधिकारी ने बोलिवियाई लोगों से लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए कहा. उधर, सरकारी भवन में प्रवेश करने से पहले जुनिगा ने प्लाजा में पत्रकारों से कहा, "निश्चित रूप से जल्द ही मंत्रियों का एक नया मंत्रिमंडल होगा. हमारा देश, हमारा राज्य इस तरह नहीं चल सकता. अभी के लिए वह आर्से को कमांडर इन चीफ के रूप में मान्यता देते हैं."